– आदेश के बावजूद शहर में सड़क के किनारे लगाई जा रही इंटर लाकिंग टाइल्स
– टाइल लगने से जमीन के नीचे नहीं पहुंच पा रहा वर्षा का जल
– एनजीटी ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को न्यायालय में पेश होने का दिया आदेश
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने 2022 में एक मामले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि सुंदरता दिखाने के लिए सड़क के किनारे इंटर लाकिंग टाइल्स न लगाई जाए। प्राधिकरण के द्वारा आदेश पर अमल नहीं किया जा रहा था। इस संबंध में पर्यावरण प्रेमी विक्रांत तोंगण द्वारा डाली गई याचिका की सुनवाई एनजीटी में चल रही है। उनके द्वारा न्यायालय को यह बताया गया कि आदेश के बावजूद शहर में जगह-जगह इंटर लाकिंग टाइल्स लगाई जा रही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए एनजीटी ने नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया है।
यूपी सरकार का भी है नियम
सड़क के किनारे टाइल्स लग जाने से वर्षा का जल जमीन के नीचे जाने की बजाए नाले में बह जाता है। इस कारण धीरे-धीरे जमीन के नीचे का जल स्तर कम हो रहा है। मामले में 2018 में यूपी सरकार ने भी सड़क के किनारे टाइल्स न लगाने का नियम बना दिया था, लेकिन नियमों का पालन नहीं हो रहा है।
विक्रांत तोंगण ने दाखिल की थी याचिका
मामले में विक्रांत तोंगण ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए 2022 में एनजीटी ने सड़क के किनारे टाइल्स न लगाने का आदेश दिया था। साथ ही कहा था कि जिस स्थान पर टाइल्स लगाना आवश्यक हो वहां पेड़ से एक मीटर छोड़कर लगाई जाए। नियम का कोई पालन नहीं किया जा रहा है। इसे देखते हुए एनजीटी ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार को नौ अगस्त को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया है।
आनन- फानन में प्राधिकरण ने जारी किया आदेश
एनजीटी की सख्ती को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्री लक्ष्मी वीएस ने एक दिन पूर्व इंटर लाकिंग टाइल्स पर एक आदेश जारी किया। कहा पेड़ से एक मीटर जगह छोड़कर टाइल्स लगाई जाए। जहां-जहां पर गलत टाइल्स लगी हैं उसे तीन दिन में हटाया जाए।
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