– देश के राज्य के मुकाबले निजी क्षेत्र की अधिक क्षमता 

– 53 फीसद तक बढ़ गई है निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 

 

द न्यूज गली, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली महंगी होने के संकेत मिलते दिख रहे है। ऊर्जा क्षेत्र में निजी सेक्टर की बढ़ती हिस्सेदारी से बिजली महंगी होने की आशंका जताई गई है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस ओर इशारा किया है। कहा है कि जैसे जैसे निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ रही है, उससे भविष्य में बिजली महंगी हो सकती है। निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 53 फीसद तक बढ़ गई है। 

 

परिषद अध्यक्ष ने केंद्रीय रिपोर्ट का किया जिक्र

बिजली महंगी होने के संकेत पर बोलते हुए परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि उनके द्वारा देश के प्रधानमंत्री से ऊर्जा सेक्टर में सार्वजनिक उत्पादन इकाइयों के निर्माण की मांग की गई है। इसी बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए वर्मा ने कहा कि देश में बिजली उत्पादन की क्षमता 4,46,189 मेगावाट है। इसमें केंद्रीय सेक्टर के उत्पादन की क्षमता 1,04,453 मेगावाट और राज्य सेक्टर की क्षमता 1,07,671 मेगावाट है। 

 

निजी क्षेत्र की ज्यादा क्षमता 

उन्होंने यह भी कहा कि देश व राज्य के मुकाबले निजी क्षेत्र की उत्पादन क्षमता 2,34,065 मेगावाट है, जो कि कुल उत्पादन का 53 प्रतिशत है। ऐसे में बिजली की दरें बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने साफ किया है कि निजी घरानों के बढ़ते कब्जे से देश में बिजली महंगी हो सकती है, जिसका असर उत्तर प्रदेश पर भी पड़ेगा।

 

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