– प्रोटीन बनाने पर प्राधिकरण कर रहा मंथन 

– कूड़े से प्राधिकरण तैयार कराएगा उपयोगी उत्पाद

– कूड़े से उपयोगी उत्पाद बनाने पर आठ कंपनियों ने प्राधिकरण में दिया प्रेजेंटेशन

 

द न्यूज़ गली,  ग्रेटर नोएडा : शहर से प्रतिदिन बड़ी तादाद में कूड़ा निकलता है । आने वाले समय में दिल्ली की भांति गौतमबुद्ध नगर में भी कूड़े का पहाड़ ना बने इसे देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अभी से सजग हो गया है। कूड़े से उपयोगी उत्पाद बनाने पर मंथन किया जा रहा है। प्राधिकरण ने इसके लिए कंपनियों से सुझाव मांगे थे। आठ कंपनियों ने कूड़े का उपयोग विभिन्न प्रकार से करने के लिए अपना आइडिया प्रस्तुत किया है। सभी आइडिया पर प्राधिकरण मंथन कर रहा है। जल्द इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 

 

कूड़े का किया जाएगा शत-प्रतिशत उपयोग 

घरेलू कूड़े को प्रोसेस कर क्या-क्या उत्पाद बनाए जा सकते हैं, प्राधिकरण ने ईओआई निकालकर इस पर कंपनियों से ‘आइडिया’ मांगा था। 8 कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया। अब प्राधिकरण इन आइडियाज का अध्ययन कर आरएफपी निकालेगा और कंपनियों का चयन कर काम शुरू कराएगा। कंपनियों ने जो आईडिया प्रस्तुत किया है उसमें से कुछ आईडिया प्राधिकरण को पसंद आया है। 

 

प्राधिकरण सीईओ की सराहनीय सोच

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की मंशा है कि ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले कूड़े को शत-प्रतिशत प्रोसेस किया जाए और उससे जरूरी उत्पाद बनाकर उपयोग में लाया जाए। इसके लिए उपलब्ध सभी पद्धतियों का अध्ययन कर अपनाने की सीख दी है, ताकि ग्रेटर नोएडा को सबसे स्वच्छ शहर बनाया जा सके। यहां भविष्य में भी कूड़े के ढेर की समस्या न झेलना पडे़। सीईओ के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग ने ईओआई निकाले थे, जिसमें आठ कंपनियों ने हिस्सा लिया है। इन कंपनियों ने सोमवार और मंगलवार को अपने प्रस्तुतिकरण के जरिए सुझावों को साझा किया। 

 

कंपनियों ने दिया आइडिया

एक कंपनी ने ‘आइडिया’ दिया कि गोबर को प्रोसेस कर ब्रिकेट्स बनाएगी। इसका इस्तेमाल कोयले के विकल्प के लिए किया जा सकता है। एक कंपनी का सुझाव है कि कूड़े को प्रोसेस कर बायोगैस बनाया जाएगा। एक कंपनी ने ब्लैक सोल्जर फ्लाई लार्वा (एक विशेष प्रकार की मक्खी) के जरिए गीले कूड़े से प्रोटीन निकालने और अवशेष को प्रोसेस करने की बात कही। एक कंपनी ने मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट लगाकर प्रोसेस करने की बात कही। एक कंपनी ने ई-वेस्ट को प्रोसेस करने पर अपनी जानकारी साझा की। बल्क वेस्ट जनरेट करने वाले संस्थानों के कूड़े को प्रोसेस करने के लिए भी एक कंपनी तैयार है। एक कंपनी ने ग्रेटर नोएडा की किसी एक कालोनी को जीरो वेस्ट कालोनी बनाने का सुझाव दिये। ऐसे तमाम सुझावों के साथ कंपनियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह व ईवाई की टीम के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिए। एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने बताया कि इन सुझावों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार कर सीईओ को सौपा जाएगा। उसके बाद इन पद्धतियों को एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपनाकर उससे नफा-नुकसान  का अध्ययन करते हुए वेस्ट को प्रोसेस कराने का निर्णय लिया जाएगा।

 

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