-प्रदूषण नापने के लिए चयनित तीन केंद्रों में गलगोटिया विश्वविद्यालय भी

-दो चरण में होगा प्रदूषण के स्‍तर का सर्वे 

 

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडाविभिन्न ऊंचाई पर कणीय पदार्थों के भौतिक-रासायनिक गुणों के साथ-साथ मौसम संबंधी मापदंडों के इन-सीटू अवलोकनों की योजना  इसके लिए टेथर्ड बैलून और ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। इस अध्ययन का उद्देश्य विभिन्न ऊंचाइयों पर कणों की विशेषताओं, उनकी आद्रता और परिवेशीय मौसम संबंधी स्थितियों में परिवर्तन का आकलन करना है। अध्ययन दो स्थितियों में किया जाएगा। पहले में अपेक्षाकृत कम प्रदूषण की स्थिति (सितंबर में वायुमंडलीय पृष्ठभूमि को संदर्भ मानते हुए) और दूसरा  उच्च प्रदूषण की स्थिति (अक्टूबर में प्रदूषण निर्माण की स्थितियों के दौरान)। यह अवलोकन दिल्ली-एनसीआर के वायुमंडलीय सीमा परत (ABL) में धुंध बनने की प्रक्रियाओं और प्रदूषण निर्माण की स्थितियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे। यह अध्ययन सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) द्वारा संचालित किया जा रहा है।  जिसमें टीआईएफआर (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) बैलून सुविधा, एनईएसएसी (नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लिकेशंस सेंटर) और सीएसआईआर-एनएएल (राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाएं) जैसे संगठन शामिल हैं। मौसम संबंधी परिस्थितियों और उपर्युक्त कारणों के आधार पर सितंबर से अक्टूबर 2024 तक इस प्रयोग को संचालित करने की योजना बनाई जा रह है। ताकि दिल्ली-एनसीआर में धुंध प्रकरणों के साथ स्वच्छ पृष्ठभूमि की स्थितियों को कैप्चर किया जा सके। 

 

तीन स्‍थान पर होगा सर्वे 

अभी तक की योजना के तहत हवा की दिशा के अनुसार विभिन्न साइटों पर तीन स्थानों पर अवलोकन किए जाएगा। यह स्‍थान हैं महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक, हरियाणा। गलगोटियास विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश और सीएसआईआर राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला नई दिल्ली है। टीम ने तीनों स्‍थानों पर प्रयोग का समय भी निर्धारित कर दिया है। इसमें पहला 25-30 सितंबर 2024 (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) (वायुमंडलीय पृष्ठभूमि अवलोकनों के लिए)। दूसरा 18-28 अक्टूबर 2024 (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) (प्रदूषण निर्माण की स्थितियों के दौरान)।

 

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