– सरकार के आदेश के बाद भी नई तैनाती पर नहीं कर रहे थे ज्वाइन

– तीनों प्राधिकरण के सीईओ भी नहीं कर रहे थे कोई कार्रवाई

– तीनों प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल

 

द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडाः नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण में तैनात नौ अधिकारियों व कर्मचारियों को सरकार का आदेश न मानना भारी पड़ गया। आदेश के बाद भी नई तैनाती पर न जाने पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी नौ लोगों को सस्पेंड कर दिया। तीन लोगों की विभागीय जांच का भी आदेश हुआ है। तीनों नोएडा प्राधिकरण में तैनात हैं। यह तीनों अधिकारी लंबे समय से जम कर विभाग में कमाई कर रहे थे। सूत्रों की माने तो इन तीनों अधिकारियों की संपत्ति की भी जांच होगी। सरकार के द्वारा उठाए गए कड़े कदम के बाद से तीनों प्राधिकरण में हडकंप मचा हुआ है।

 

सरकार ने क्यों उठाया कदम

प्राधिकरण में तैनात रहते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा जाने वाले कमाई की कहानी किसी से छिपी नहीं है। लोगों के द्वारा ऐसे अधिकारियों की समय-समय पर शासन में शिकायत भी की जाती है। जांच के दौरान सामने आए था कि नौ अधिकारी व कर्मचारी लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं। इसे देखते हुए सरकार ने कुछ माह पूर्व इन लोगों का स्थानांतरण कर दिया गया था। कर्मचारियों की हठधर्मिता का आलम यह था कि उन्होंने सरकार के आदेश को मानने से भी मना कर दिया था। यह सभी लोग किसी ने किसी सफेदपोश के खास थे। तीनों प्राधिकरण के सीईओ भी इन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे थे। कर्मचारियों की मनमर्जी का किस्सा शासन तक पहुंचा था। जिसके बाद सरकार को कड़ा कदम उठाना पड़ा। 

 

इन लोगों पर हुई कार्रवाई 

मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने शनिवार को नोएडा विकास प्राधिकरण के विधि अधिकारी नरदेव, निजी सचिव विजेंद्र पाल सिंह, सहायक प्रबंधक यूसूफ फारूक, सहायक विधि अधिकारी सुशील भाटी, प्रबंधक सुमित ग्रोवर, लेखाकार प्रमोद कुमार, यमुना विकास प्राधिकरण के प्रबंधक अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक सुरेंद्र एवं प्रबंधक विजय कुमार बाजपेई शामिल हैं।

 

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