– नोएडा के सेक्टर 62 में रहने वाली महिला रंजन से साथ हुई ठगी की वारदात 

– साइबर विशेषज्ञ बोले, किसी भी राज्य की पुलिस नहीं करती है डिजिटल अरेस्ट, जागरूक होने की है जरूरत

 

द न्यूज गली, नोएडा : नोएडा के सेक्टर 62 में रहने वाली महिला रंजना को पार्सल में ड्रग्स होने की बातकहर साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया और 10 लाख रूपये ठग लिए। पीड़िता ने मामले की शिकायत साइबर पुलिस से की है। आरोपित ने कोरियर कंपनी का प्रतिनिधि बनकर फोन किया था और बाद में फर्जी पुलिस अधिकारी ने बात कराकर ठगी की घटना को अंजाम दिया गया। 

 

मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर डराया 

आरोपित ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर महिला को डराया। कहा कि जो कोरियर उसको मिला है उसमें महिला का आधार कार्ड अटैच है इसमें ड्रग्स है। यह सुनते ही महिला डर गई। आरोपित ने कहा कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इससे बचना है तो जैसे वह कहता है वैसे करो। महिला झांसे में आ गई और ठगी का शिकार हो गई। 

 

संवेदनशील जानकारी मांगने लगे आरोपित

महिला को ठगी का शिकार बनाते दौरान आरोपित उससे संवेदनशील जानकारी मांगने लगे, बेहद निजी व गोपनीय जानकारी के बारे में सुनकर महिला और डर गई। हालांकि महिला ने जानकारी शेयर नहीं की। तब आरोपितों ने रूपये वसूलने का दबाव बनाया। झूठ बोल रहे आरोपितों के जाल में फंसी महिला खुद को डिजिटल अरेस्ट मान बैठी और उनसे छुटकारा पाने के लिए आरोपितों द्वारा बताए गए खाते में रकम ट्रांसफर कर दी। 

 

जागरूक होने की है जरूरत

साइबर विशेषज्ञ व पूर्व एसपी साइबर उत्तर प्रदेश त्रिवेणी सिंह ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता है। कभी भी किसी भी राज्य की पुलिस किसी भी मामले में डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है। साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता ही एकमात्र बचाव है।

 

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