-छात्र राकेश कुमार ने तीरंदाजी स्पर्धा में जीता था पदक

 

द न्यूज़ गली, ग्रेटर नोएडा: पेरिस पैरालंपिक खेलों में कांस्य पदक विजेता गलगोटियास विश्वविद्यालय के छात्र राकेश कुमार और क्वार्टर फ़ाइनलिस्ट सरिता देवी का स्वदेश पहुँचे पर हुआ भव्य स्वागत। राकेश कुमार और सरिता देवी ने इन्दिरा गाँधी एयरपोर्ट पर पहुँचते ही अपने देश की पावन माटी को मस्तक से लगाकर किया नमन। ख़ुशी से छलक आए दोनों के आँसू। दिल्ली एयरपोर्ट पर जैसे ही गलगोटियास विश्वविद्यालय के छात्र राकेश कुमार और क्वार्टर फ़ाइनलिस्ट सरिता देवी स्वदेश पहुँचे तो उनका स्वागत करने के लिये पहले से ही वहाँ पर उपस्थित गलगोटियास विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों, मित्रों, परिजनों और उनके कोच  प्रशाँत भारद्वाज के साथ आये हुए जन समूह को देखकर बहुत ही भावुक हो गये दोनों खिलाड़ी। दोनों को  शुभकामनाएँ देने वालों की अपार भीड़ देखने को मिली। कोई उनको माला पहना रहा था तो कोई उनको गुलदस्ता भेंट कर रहा था। दोनों खिलाड़ी सभी का अभिवादन स्वीकार करके सभी का आभार व्यक्त कर रहे थे। पूरे भारत के लिये और विशेष रूप से गलगोटियास विश्वविद्यालय के लिये ये भावुक पल बहुत ही गर्व के पल थे। 

 

देश और विश्वविद्यालय का बढ़ाया है मान 

गलगोटियास विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने दोनों प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को शुभकामना दी। कहा कि हमारे देश के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने एक बार फिर से अपनी मेहनत, समर्पण और अनुशासन का परिचय देते हुए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। देश का और हमारे विश्वविद्यालय का मान तो बढ़ाया ही है। बल्कि लाखों युवाओं के लिए यह दोनों एक प्रेरणा का स्रोत भी बने हैं। हम इन दोनों खिलाड़ियों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए हार्दिक बधाई देते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं। 

 

भविष्य में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे दोनों खिलाड़ी 

गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ डाक्टर ध्रुव गलगोटिया ने दोनों विद्यार्थियों के लिये कहा कि उनकी इस सफलता के पीछे उनके परिवार,  कोच और सहयोगियों का समर्थन और परिश्रम भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। हम सभी को धन्यवाद देते हैं। यह समय केवल जश्न मनाने का ही नहीं है, बल्कि आगे के लिए और अधिक कड़ी मेहनत करने का भी है। हमें विश्वास है कि यह खिलाड़ी भविष्य में भी इसी प्रकार से अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे और देश को गर्व महसूस कराएंगे। भविष्य में ये नये से नये कीर्ति मानों की स्थापना करके अपने राष्ट्र और अपने गलगोटियास विश्वविद्यालय का नाम पूरी दुनिया में रोशन करेंगे।

 

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