द न्यूल गली, ग्रेटर नोएडाः ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा कासना में बनाए जाने वाले कूड़ा निस्तारण प्लांट में बड़ी गड़बड़ी का आरोप कासना के ग्रामीणों ने लगाया है। आरोप है कि पूर्व में चयनित स्थान पर निर्माण में पचास लाख खर्च करने के बाद कुछ लोगों के दबाव में नए स्थान पर निर्माण शुुरू करने की तैयारी है। ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। आस-पास की सोसायटी के कुछ लोगों का समर्थन भी उन्हें मिल रहा है। विरोध में समाजसेवी सविता शर्मा ने निर्माण स्थल पर ही चार दिनों से आमरण अनशन शुरू कर दिया है। इससे प्राधिकरण अधिकारी हलकान हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पुलिस तैनात कर दी गई है।

कूड़े का आधुनिक तरीके से होगा निस्तारण

बनाए जाने वाले कूड़ा निस्तारण प्लांट में शहर व आसपास से निकलने वाले कूड़े का आधुनिक तरीके से निस्तारण किया जाएगा। बाद में जिसका विभिन्न रूप में उपयोग भी किया जाएगा। अधिकारियों का दावा है कि सरकार की योजना के तहत आधुनिक तरीके से प्लांट का निर्माण पूरे देश में किया जा रहा है।

क्यो हो रहा है विरोध

ग्रामीण व सविता शर्मा का कहना है कि प्लांट तैयार करने के लिए पहले दूसरे स्थान पर जगह का चयन किया गया था। वहां पर होने वाले निर्माण पर चालीस से पचास लाख रूपये भी खर्च हो गए। अब कुछ लोगों के दबाव में पूर्व निर्धारित जगह पर निर्माण कार्य बंद करा दिया गया है। अब जिस स्थान पर निर्माण कराने की तैयारी है वह जमीन किसानों के नाम दर्ज है। किसानों ने उसका कोई मुआवजा भी नहीं लिया है।

प्राधिकरण अधिकारी का जवाब

प्राधिकरण के सीनियर मैनेजर चेतराम का कहना है कि प्लांट निर्माण का कार्य एनजीओ के द्वारा किया जा रहा है। जिसके इनकम का माध्यम यूजर चार्ज होगा। लोगों को यह आशंका है कि कूड़ा निस्तारण से बदबू फैलेगी जो पूरी तरह से गलत है। जब उनसे यह पूछा गया कि एनजीओ को जमीन प्राधिकरण ने ही आवंटित की होगी, पूर्व में जिस जमीन का आवंटन हुआ था वहां पर निर्माण क्यों नहीं हो रहा है, प्रश्न का जवाब वह नहीं दे सके। जिससे दाल में काला होने की आशंका प्रबल होती है।