– ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास नहीं है पिछले दो वर्ष का रिकार्ड

– खर्च का एक-एक व्यय व्यवस्थित रखने के दावे की खुली पोल

– प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग में दो वर्ष में करोड़ों का हुआ खेला

 

द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडाः ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का एक और मामला प्रकाश में आया है। आश्यर्च कि बात है कि प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह नहीं पता कि पिछले दो वर्ष के दौरान सेक्टरों व गांवों में एंटी लार्वा स्प्रे व पफागिंग पर कितना पैसा खर्च किया गया है। प्राधिकरण अधिकारियों ने यह जानकारी एक आरटीआई के तहत मांगे गए जवाब में दी है। जहां प्राधिकरण अधिकारियों के द्वारा हर वर्ष आडिट कराने, एक-एक खर्च का रिकार्ड रखने का दावा किया वहीं खर्च का विवरण उपलब्ध न होने की बात स्वयं यह बयां कर रही है कि भ्रष्टाचार की जड़ दिन प्रतिदिन गहरी होती जा रही है।

 

सूचना अधिकार के तहत दिया जवाब 

आरटीआई कार्यकर्ता सागर खारी ने प्राधिकरण से जवाब मांगा था कि प्राधिकरण के सेक्टर व गांवों में पिछले एक वर्ष में कितना पैसा खर्च किया गया। अधिकारियों ने जवाब दिया है कि फागिंग कार्य के लिए कीटनाशक की आपूर्ति जैम पोर्टल जिला मलेरिया अधिकारी से ली जाती है। कार्य में प्रयुक्त मानव श्रम आरट सोर्सिंग एजेंसी से होती है व मशीन में प्रयुक्त ईधन की आपूर्ति अधिक्रत पेट्रोल पंप से होती है। वर्ष 2022 अप्रैल से अब तक अर्थात दो वर्ष में उपरोक्त कार्य में व्यय का विवरण उपलब्ध नहीं है। 

 

जमकर हो रहा भ्रष्टाचार 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आदेश है कि विभागों में सभी रिकार्ड व्यवस्थित रखें जाएं। प्राधिकरण के द्वारा आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल है प्राधिकरण कहता है कि हर वर्ष आडिट कराया जाता है। यदि आडिट होता है तो दो वर्ष का रिकार्ड प्राधिकरण में क्यों नहीं है। जिसका सीधा अर्थ है कि अधिकारियों के द्वारा जमकर गोलमाल किया जा रहा है।

 

नहीं होती है फागिंग, लोग पड़ रहे बीमार

प्राधिकरण दावा करता है कि सेक्टर व गांव में हर सप्ताह फागिंग कराई जाती है। साथ ही दवा का छिड़काव भी होता है। लोगों का कहना है कि प्राधिकरण के अधिकारी झूठ बोलते हैं, लंबे समय से दवा का छिड़काव व फागिंग नहीं हुई है। इस कारण बड़ी संख्या में लोग मच्छर जनित बीमारियों से पीड़ित हैं।

 

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