-सुल्तानपुर में हुई डकैती के आरोपी मंगेश यादव के मारे जाने के बाद एक बार फिर गरमाई राजनीति

-एनकाउंटर के दौरान सात सालों में 17 पुलिसकर्मी हुए शहीद 

 

द न्यूज गली, लखनऊ: योगी राज में बदमाशों पर कहर बनकर टूट रही उत्तर प्रदेश पुलिस ने नया इतिहास रच दिया है। हाल ही में सुल्तानपुर में आभूषण व्यापारी के यहां हुई करोड़ों की डकैती के मामले में बृहस्पतिवार तड़के पुलिस एनकाउंटर में मंगेश यादव मारा गया। आरोपी मंगेश यादव को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद प्रदेश में सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। विकास दुबे एनकाउंटर के बाद एक बार फिर से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश ने सोशल मीडिया पर तल्क टिप्पणी की है। 

 

17 पुलिसकर्मियों को मिला था वीरता पुरस्कार 

पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति के वीरता पदक से हाल ही में सम्मानित किया गया था। जिन पुलिसकर्मियों को सम्मान मिला उन्होंने कई इनामी बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया था। प्रदेश में अपराध के प्रति जीरो टालरेंस की नीति के तहत पुलिस व बदमाशों के बीच मुठभेड़ का सिलसिला जारी रहा है। बीते स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश के 17 पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति का वीरता पदक प्रदान किया गया। इनमें असद व गुलाम को मार गिराने वाले दो पुलिस उपाधीक्षकों समेत छह पुलिसकर्मी भी शामिल थे। गौतमबुद्धनगर में एक लाख के इनामी बदमाश मेहरबान, बिजनौर में ढाई लाख के इनामी बदमाश आदित्य राणा उर्फ रवि तथा कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में शामिल रहे प्रवीण दुबे उर्फ बउवा को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने वाले पुलिसकर्मियों को भी वीरता पदक प्रदान किया गया था। बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा में भी एमएलसी के रिश्तेदार से चेन लूटने वाले बदमाशों से पुलिस की मुठभेड़ हुई है। लाइव मुठभेड़ में बदमाश के पीछे के हिस्से में गोली लगी है। 

 

साढ़े छह हजार बदमाश हुए घायल 

सात सालों में एक तरफ जहां 207 अपराधी पुलिस की गोली से ढेर हो गई तो वहीं साढ़े छह हजार से अधिक बदमाश घायल हुए। इनमें सर्वाधिक 66 अपराधी मेरठ जोन में मारे गए। बदमाशों से मुकाबले में अब तक 17 पुलिस अधिकारी व कर्मी शहीद हुए और डेढ़ हजार से अधिक घायल हुए। प्रयागराज में बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपित व माफिया अतीक अहमद (अब मृत) के बेटे असद व शूटर गुलाम को पुलिस टीम ने 13 अप्रैल, 2023 को झांसी में मार गिराया था। बहुचर्चित बिकरू कांड का मुख्य आरोपी व हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। बिकरू हांड में 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। योगी राज में हो रही एनकाउंटर से बदमाशों को मिट्टी में मिलाने का सिलसिला लगातार जारी है। 

 

दूसरे नंबर पर वाराणसी जोन

सात सालों में पुलिस व बदमाशों के बीच लगभग 12,525 मुठभेड़ हुई हैं, जिनमें लगभग 27 हजार अपराधी पकड़े गए। मेरठ के बाद वाराणसी जोन में सबसे ज्यादा 21 व आगरा जोन में 16 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए हैं। बदमाशों के हमले का पुलिस मजबूती से जवाब दे रही है।

 

Tags: #lucknow #crime