-सूरजपुर वेटलैंड में केमिकल युक्त पानी के कारण सूख गए थे एक हजार पेड़

-पर्यावरण प्रेमी विक्रांत ने एनजीटी में की थी मामले की शिकायत 

 

द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडाः कुंभकर्ण की नींद छह माह बाद खुलती थी, लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कुंभकर्ण को भी मांत दे दी। सूरजपुर वेटलैंड में केमिकल युक्त पानी के कारण सूख चुके एक हजार पेड़ों के मामले में लगातार की जा रही शिकायत के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद एक साल खुली है। मामले में टीम गठित करने के साथ ही अधिकारियों ने वेटलैंड का दौरा कर स्थिति को परखा। मामले में कमेटी की बैठक शुक्रवार को प्रस्तावित है।

 

दिसंबर में संज्ञान में आया था मामला 

सरकार के द्वारा पेड़ों को बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन सूरजपुर वेटलैंड में सूख गए लगभग एक हजार पेड़ों के मामले में वन, पर्यावरण, सिंचाई, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सहित अन्य विभागों की घोर लापरवाही सामने आई है। वेटलैंड में पेड़ों के सूखने का मामला दिसंबर 2023 में संज्ञान में आया था। विक्रांत तोंगण ने मामले की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। वन विभाग ने पानी का नमूना जांच के लिए भेजा। बाद में मिलीभगत कर अधिकारियों ने पूरे मामले को दबा दिया। अब प्राधिकरण के सीईओ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए टीम का गठन किया है। एसीईओ श्री लक्ष्मी वीएस ने टीम के साथ वेटलैंड का दौरा किया। मामले में बरती जा रही लापरवाही को देखा। 

 

इस कारण सूख रहे पेड़

सूरजपुर वेटलैंड के पास यमाहा व कुछ अन्य कंपनियां हैं। यहां से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी वेटलैंड में पहुंचता है। इस कारण पेड़ सूख गए। सुविधाओं की आड़ में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई से विभागों ने अपने आप को बचा कर रखा। इसके साथ ही आस-पास की कुछ कालोनियों का गंदा पानी भी वेटलैंड में पहुंचता है। अब टीम पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करेगी। विक्रांत का कहना है हमारी मांग है कि वेटलैंड में गंदा पानी आने से रोका जाए और सूखे पेड़ों की जगह एक हजार नए पेड़ लगाए जाएं।

 

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