द न्यूज़ गली, ग्रेटर नोएडा : डिजिटल अरेस्ट के नाम पर होने वाले साइबर क्राइम की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा मामला नोएडा के सेक्टर 31 में रहने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल के साथ प्रकाश में आया है। खुद को डीसीपी राजपूत बताकर साइबर अपराधी ने रिटायर्ड मेजर जनरल NK धीर को डिजिटल अरेस्ट किया और उनसे दो करोड रुपए की ठगी कर ली। आरोपी ने पीड़ित से कहा कि मुंबई से ताइवान के लिए एक पार्सल आया है। पार्सल में पासपोर्ट, कपड़े और प्रतिबंधित दवाई है। इस पासपोर्ट पर रिटायर्ड मेजर जनरल का नाम व पता लिखा हुआ है। यह सुनकर पीड़ित डर गए और जैसा आरोपी कहता गया वैसा करते गए। सीबीआई अधिकारी बनकर आरोपी ने व्हाट्सएप पर कॉल की और डरा धमकाकर कल 2 करोड़ रुपए ठग लिए। डिजिटल अरेस्ट के नाम पर हो रही लगातार साइबर क्राइम की घटनाओं ने लोगों की जेब पर डाका डाला है। साइबर क्राइम थाना पुलिस लगातार ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार तो कर रही है लेकिन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। हालांकि विशेषज्ञों की माने तो साइबर अपराध से बचने का एकमात्र उपाय जागरूकता है। साइबर विशेषज्ञ व सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि कोई भी जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। इसलिए यदि किसी के पास डिजिटल अरेस्ट के नाम से फोन आए तो डरने की जरूरत नहीं है तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें।