द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: सुपरटेक परियोजनाओं में घर खरीदारों ने प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए एनबीसीसी द्वारा NCLAT में दिए प्रपोजल का स्वागत किया है। साथ ही शर्त भी रखी है। घर खरीदारों का कहना है कि एनबीसीसी ने प्रपोजल में अपने आप को सिर्फ प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कंसलटेंट (PMC) तक सीमित रखा है। खरीदारों की मांग है कि एनबीसीसी एक को-डेवलपर की भांति जुड़े और प्रोजेक्ट को पूरा करे। घर खरीदारों का तर्क है कि परियोजना रुकने का प्रमुख कारण है सुपरटेक के पास फंड की कमी। एनबीसीसी एक पब्लिक सेक्टर यूनिट है। उसके पास तमाम संसाधनों से फंड जुटाने की क्षमता है। फंड जुटने से परियोजनाओं को पूरा करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। खरीदारों ने मांग की कि परियोजना के मौजूदा FAR और स्वीकृत नक़्शे में कोई बदलाव या छेड़छाड़ ना किया जाए। उनका कहना है कि एनबीसीसी ने अपने प्रपोजल में फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने का कोई जिक्र नहीं किया है। जबकि तैयार फ्लैटों की रजिस्ट्री का मुद्दा बहुत ही अहम मुद्दा है।
खरीदारों पर न पड़े अतिरिक्त बोझ
एनबीसीसी के दिए प्रपोजल पर घर खरीदारों ने कहा है कि कोई भी घर खरीदार, चाहे घर मिल गया हो या जिन्हे अभी तक घर नहीं मिला हो, पर कोई भी अतिरिक्त वित्तीय बोझ ना पड़े। घर खरीदारों ने साफ़ किया है कि बिल्डर बायर एग्रीमेंट का पूरा पालन हो और एनबीसीसी परियोजना की सभी कमियों को दूर करे, ना कि केवल अधूरे टावर पूरे करे। सुपरटेक के लगभग सभी परियोजनाओं में बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा नहीं है, लिफ्ट लगना बाकि है, एसटीपी नहीं बने, फायर सेफ्टी इक्विपमेंट्स नहीं लगे, क्लब और स्विमिंग पूल तैयार नहीं है, बिजली, लिफ्ट और फायर के NOC नहीं है। एनबीसीसी इस सभी अधूरे कामों को पूरा करे।
मॉनिटरिंग कमिटी में हों घर खरीदार
एनबीसीसी ने अपने प्रपोजल में कोर्ट द्वारा निर्धारित मॉनिटरिंग कमिटी का जिक्र किया है। जिसमें घर खरीदारों के प्रतिनिधियों (AR) को सम्मिलित नहीं किया गया है। घर खरीदारों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि घर खरीदारों के प्रतिनिधियों (AR), जो NCLAT द्वारा चुने गए हैं। हर हाल में मॉनिटरिंग कमिटी में सम्मिलित किया जाए। मांग की कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा की कई परियोजनाएं जिनमें काफी संख्या में लोग पहले से रह रहे, सभी को फेज एक में समायोजित कर पूरा कराया जाए।
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