– पंजाब के जालंधर से कार चोरी करके नोएडा में चलाई जा रही थी

– कार 24 कंपनी की लापरवाही से कार के असली मालिक को हुई परेशानी 

 

द न्यूज गली, नोएडा: नोएडा के एक व्यक्ति ने पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाली कंपनी कार 24 से कार खरीदी। कार के जब दूसरे शहरों में चालान कटे तो मैसेज कार के असली मालिक के पास पहुंच गए। इसी बीच एक ही नंबर की दो कार सर्विस सेंटर पहुंच गई। पुलिस ने जांच की तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। पता चला कि कंपनी से खरीदी गई पुरानी कार चोरी की है और चोर गिरोह ऐसी कई कारें कंपनी को बेच चुका है। हैरानी की बात यह है कि कंपनी ने बिना सत्यापन के ही चोरी की गाड़ियां खरीद ली। 

 

शिक्षक ने बताई आपबीती 

मेरठ के किला परीक्षितगढ़ के नितिन तोमर ने बताया कि वह परिषदीय विद्यालय में शिक्षक हैं। उन्होंने कंपनी के शोरूम से दो जनवरी 2022 को नई कार खरीदी। जून 2024 में जब वह मेरठ में कार की सर्विस कराने पहुंचे तो पता चला कि उनकी कार 28 हजार किलोमीटर चल चुकी है, जबकि मीटर में 22 हजार किलोमीटर चलना दिख रहा था। सर्विस सेंटर के मैनेजर ने बताया कि उनकी कार की सर्विस नोएडा में हो रही है और कार का जॉब कार्ड भी जारी हो चुका है। इस पर आश्चर्य जताते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी कार लेकर नोएडा नहीं गए। नितिन तोमर ने बताया कि कुछ दिन बाद मोबाइल पर कार का चालान कटने का मैसेज आया। पता चला कि कार गाजियाबाद में नो पार्किंग में खड़ी थी, जबकि उनकी कार घर पर खड़ी थी। फिर राजस्थान के अलवर में ओवर स्पीड का चालान कटने का मैसेज आया। इस पर उन्हें चिंता सताने लगी। नितिन नोएडा में सेक्टर-63 स्थित उस सर्विस सेंटर पर गए, जहां उनके नंबर की कार की सर्विस होना मैनेजर ने बताया था। वहां पता चला कि उसी रंग और नंबर की कार की सर्विस कई बार हुई है। यहां से उन्हें सर्विस कराने वाले के बारे में जानकारी हुई। 

 

फर्जी नंबर प्लेट लगाई

नितिन तोमर ने थाना सेक्टर-63 पुलिस को शिकायती पत्र दिया। जांच करते हुए पुलिस उस व्यक्ति के पास पहुंच गई जो नितिन तोमर की कार की नंबर प्लेट लगाकर दूसरी कार को दौड़ा रहा था। उस व्यक्ति की पहचान निखिल खत्री के रूप में हुई। दस्तावेज चेक किए तो दोनों की आरसी एक जैसी थी, लेकिन आरसी में दर्ज इंजन नंबर और कार पर अंकित नंबर अलग-अलग थे। जांच में पुष्टि हुई कि नितिन कार का असली मालिक है। वहीं, निखिल खत्री ने बताया कि उसने यह सेकेंड हैंड कार करीब साढ़े छह लाख रुपये में पुरानी कार खरीदने और बेचने वाली कंपनी कार 24 से खरीदी थी। 

 

पंजाब के जालंधर से चोरी हुई थी कार

एक गिरोह कंपनियों को चोरी की गाड़ी बेच गया हो। वहीं, जब पुलिस ने निखिल खत्री से बरामद कार के इंजन नंबर की जांच की तो पता चला कि यह कार पंजाब के जालंधर से चोरी हुई है। फर्जी नंबर प्लेट लगाकर आरोपी कार को कंपनी को बेच देते है। 

 

खरीदार यह बरतें सावधानी 

सेकेंड हैंड कार खरीदते समय सबसे जरूरी है कि आप गाड़ी के सभी दस्तावेज को अच्छी तरह देख लें। इसके अलावा कार का सर्विस रिकॉर्ड, रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस भी अच्छे तरीके से चेक कर लें। कार विक्रेता से आरसी की ऑरिजनल कॉपी लें। गाड़ी के ओरिजनल बिल की कॉपी लेना न भूलें। इसमें इंजन नंबर, चेसिस नंबर और डिलीवरी की तारीख रहती है। आरसी में दर्ज इंजन नंबर से कार के इंजन नंबर का मिलान अवश्य कर लें। यह सब करने से आप ठगी का शिकर होने से बच सकते है। 

 

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