द न्यूज गली, नोएडा: नोएडा के सेक्टर-119 स्थित आम्रपाली प्लेटिनम सोसाइटी में 200 फ्लैट खरीदारों ने पांच साल बाद भी अपने फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं करवाई है। इनमें से कई खरीदारों ने लाखों की धनराशि नकद में दी थी, जिसके कारण अब बैंक ट्रांजेक्शन लेटर दिखाने में परेशानी हो रही है। कोर्ट रिसीवर की ओर से लगातार सूचित करने के बावजूद खरीदार आगे नहीं आए है।


नकद भुगतान बना रजिस्ट्री में रुकावट
आम्रपाली प्रोजेक्ट के दौरान कई खरीदारों ने नकद भुगतान किया था। अब इनसे बैंक ट्रांजेक्शन लेटर मांगा जा रहा है, जो अनिवार्य प्रक्रिया का हिस्सा है। यह दस्तावेज साबित करता है कि भुगतान आम्रपाली के खाते में हुआ है। फर्जीवाड़े से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है, लेकिन यह कई लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। कुछ खरीदारों ने बैंक के बंद या मर्ज होने की वजह से सर्टिफाइड बैंक स्टेटमेंट निकलवाने में दिक्कतें झेली है।


942 में से 550 फ्लैट्स की रजिस्ट्री पूरी
सोसाइटी में कुल 942 फ्लैट है, जिनमें से अब तक 750 खरीदारों ने अपने दस्तावेज सत्यापित करवाए है। इनमें से 550 फ्लैट्स की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है, जबकि बाकी की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि, 200 खरीदार अब भी गायब है, जिससे घोटाले की आशंका बढ़ गई है।


एनबीसीसी ने 90 फ्लैट्स किए तैयार, 45 खरीदार गायब
एनबीसीसी ने 2020 से आम्रपाली प्रोजेक्ट के अधूरे कार्यों को पूरा किया है। इस दौरान 90 नए फ्लैट तैयार किए गए, जिनमें से 45 खरीदार चाबी लेकर अपने फ्लैट्स में रह रहे है। शेष 45 खरीदार अब तक फ्लैट की चाबी लेने नहीं आए है। कोर्ट रिसीवर ने उन्हें बार-बार नोटिस भेजा है।


रजिस्ट्री के लिए पूरी करनी होंगी चार प्रक्रियाएं
फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए बिल्डर-बायर एग्रीमेंट, अलॉटमेंट लेटर, नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) और पजेशन लेटर अनिवार्य है। साथ ही, बैंक ट्रांजेक्शन लेटर भी आवश्यक है। निवासियों का कहना है कि इस प्रक्रिया के जरिए फर्जीवाड़े से बचा जा सकता है, लेकिन नकद भुगतान करने वालों के लिए यह चुनौती बन गई है।