द न्यूज गली, नोएडा : साइबर अपराध की दुनिया में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां तीन साइबर ठगों ने एक वृद्ध महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर डरा-धमकाकर 3 करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपये की ठगी कर डाली। थाना साइबर क्राइम, गौतमबुद्धनगर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस जालसाजी के पीछे सक्रिय तीन शातिर अपराधियों को दिल्ली और नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में कुल 17 लाख रुपये की राशि फ्रीज करने में सफलता पाई है।

कैसे दिया ठगी को अंजाम
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अज्ञात कॉलर ने वादिया (पीड़िता) के लैंडलाइन नंबर पर संपर्क कर खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताया। कॉलर ने दावा किया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर कई बैंक खाते खोले गए हैं, जिनका प्रयोग जुए, हवाला और अवैध हथियारों की खरीद में किया गया है। डर का माहौल बनाकर आरोपियों ने वादिया को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया और वीडियो कॉल के जरिए उनसे 3.29 करोड़ रुपये ठग लिए।

पीड़िता की शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में दिनांक 30 जून को मामला दर्ज किया गया था।

आरोपियों से पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
पुलिस पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि गिरोह सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था। दुपिन्दर सिंह उर्फ गिन्नी (निवासी ललिता पार्क, दिल्ली) ने बताया कि उसने अपना बैंक खाता सह-अभियुक्त विनय को दे रखा था, जिस पर ठगी की रकम आती थी। उसे कुल रकम का 15% हिस्सा मिलता था। उसके खाते में 93 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे। विनय समानिया (निवासी करावल नगर, दिल्ली) ने कबूला कि वह दुपिन्दर के खाते को अपने अन्य साथियों को 25% कमीशन पर देता था। मंदीप सिंह (निवासी खनक, भिवानी, हरियाणा) ने बताया कि उसने 50,000 रुपये में अपना बैंक खाता गिरोह को दे दिया, जिसके जरिए 71 लाख रुपये ट्रांसफर हुए।

दर्ज धाराएं व केस
गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर थाना साइबर क्राइम, गौतमबुद्धनगर में बीएनएस एवं धारा 66-डी आईटी एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस की अपील ऐसे मामलों से रहें सतर्क
गौतमबुद्धनगर पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई कॉलर खुद को CBI, ED, इनकम टैक्स या किसी अन्य जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर स्काइप/Zoom कॉल के जरिए धमकाता है और डिजिटल अरेस्ट की बात कहता है, तो डरें नहीं। यह साइबर अपराध है। तुरंत इसकी शिकायत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 या www.cybercrime.gov.in पर दर्ज कराएं।