द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: आर्यदीप पब्लिक स्कूल का 30वां वार्षिकोत्सव हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस भव्य समारोह में विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जबकि शिक्षकों और विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और भारतीय शिक्षा पद्धति एवं संस्कारों के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।

विद्यालय ने शिक्षा और संस्कारों का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया
विद्यालय के संस्थापक एवं समाजसेवी विजेंद्र सिंह आर्य ने बताया कि आर्यदीप पब्लिक स्कूल पिछले 30 वर्षों से भारतीय शिक्षा के मूल्यों और संस्कारों को विद्यार्थियों के मन-मस्तिष्क में उकेरने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा शिक्षा केवल रोजगार का माध्यम नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का आधार होनी चाहिए। जब विद्यार्थी संस्कारित शिक्षा प्राप्त करेंगे, तभी वे एक सक्षम राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे।

सनातन मूल्यों पर आधारित शिक्षा की आवश्यकता
आर्य ने कहा कि भारत सनातन राष्ट्र है और इसकी शिक्षा प्रणाली में वैदिक संस्कृति का समावेश होना आवश्यक है। उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती के योगदान को याद करते हुए कहा, स्वामी दयानंद ने जिस प्रकार वैदिक ज्ञान और शिक्षा संस्कारों का प्रचार किया, उसी दिशा में यह विद्यालय भी कार्य कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में नैतिक मूल्यों का अभाव होने के कारण युवा पीढ़ी भटक रही है। यदि गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति को दोबारा लागू किया जाए, तो निश्चित रूप से चरित्रवान युवाओं का निर्माण किया जा सकता है। कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। खेल, शिक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले विद्यार्थियों को विशेष रूप से सराहा गया।

शिक्षाविदों और अतिथियों ने रखे विचार
इस अवसर पर आर्य प्रतिनिधि सभा गौतम बुद्ध नगर के प्रधान डॉ. राकेश कुमार आर्य, उपाध्यक्ष महावीर सिंह आर्य, कोषाध्यक्ष आर्य सागर खारी, संरक्षक सरपंच रामेश्वर सिंह, देव मुनि जी महाराज, रंगीलाल आर्य और आर्य वीर दल उत्तर प्रदेश के सचिव आर्य वीरेश भाटी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा प्रणाली रोजगार पर केंद्रित होती जा रही है, जिससे विद्यार्थियों का मानसिक और नैतिक विकास प्रभावित हो रहा है। अतिथियों ने वैदिक शिक्षा प्रणाली को पुनः स्थापित करने पर जोर दिया और विद्यालय के प्रयासों की सराहना की।

समारोह का समापन और भविष्य की दिशा
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों ने इस आयोजन की सफलता के लिए आभार प्रकट किया। विजेंद्र सिंह आर्य ने आश्वासन दिया कि विद्यालय भविष्य में भी भारतीय शिक्षा और संस्कारों को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प रहेगा।