-विश्वविद्यालय के ग्रेटर नोएडा कैंपस में आयोजित हुआ कार्यक्रम
-उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को मिला विशेष पुरस्कार और सम्मान

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: एमिटी यूनिवर्सिटी ग्रेटर परिसर में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में 319 छात्रों को डिग्री मिली। डिग्री पाने वाले छात्र खुशी से झूम उठे। विभिन्‍न श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को विशेष पुरस्कार और सम्मान दिया गया। इसमें सबसे गौरवपूर्ण बलजीत शास्त्री पुरस्कार भी शामिल था। यह पुरस्‍कार उन विद्यार्थियों को दिया जाता है जिन्होंने उच्च नैतिक मूल्य, चरित्र निर्माण, सामाजिक जिम्मेदारी और मानवीय सेवा में असाधारण योगदान दिया है। साथ ही अकादमी उपलब्धियों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। जो उनकी कड़ी मेहनत, उत्कृष्ट परिणाम और निरंतर समर्पण की पहचान है। द्वितीय सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को रजत पदक प्रदान किया गया। कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि एमिटी विश्वविद्यालय ग्रेटर के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) अजय राणा थे।

छात्रों को दिया संदेश
कार्यक्रम के दौरान अपने शानदार उदबोधन में अजय राणा ने विद्यार्थियों को जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण, कड़ी मेहनत, नवाचार, अनुशासन और नैतिक नेतृत्व की भावना बनाए रखने का संदेश दिया। कहा कि आज का युवा वर्ग केवल तकनीकी ज्ञान और शैक्षणिक दक्षता से नहीं, बल्कि सशक्त नैतिक मूल्यों, सामाजिक उत्तरदायित्व और वैश्विक समझ के साथ नई दुनिया का निर्माण करने में सक्षम है। एमिटी के विद्यार्थी विश्वभर में अपनी उपलब्धियों और उत्कृष्टता के लिए प्रशंसा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देने और एमिटी के आदर्श वाक्य—नवाचार, मानवता और उत्कृष्टता—को सदैव अपनाने का आह्वान किया। समारोह में डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य उपस्थित थे। जिन्होंने स्नातक होने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डिग्री प्रदान किए जाने के बाद विद्यार्थियों ने एमिटी विश्वविद्यालय और संकाय सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने उन्हें न केवल शिक्षा, बल्कि व्यक्तित्व विकास, उद्योग-अकादमिक समन्वय, अनुसंधान अवसर, नवीन संस्कृति, डिजिटल क्षमता और नेतृत्व कौशल विकसित करने के अनगिनत अवसर प्रदान किए, जिससे वे भविष्य की जबड़े का आत्मविश्वास के साथ सामना कर सकें।