द न्यूज गली, नोएडा : लंबे ट्रैफिक जाम से परेशान एनसीआर के लोगों को राहत देने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने यमुना नदी में जल परिवहन का रूट विकसित करने की योजना बनाई है। इसके तहत हथिनी कुंड बैराज से दिल्ली के सोनिया विहार तक वाटर रूट की संभावनाओं का सर्वे शुरू कर दिया गया है। शिपिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रस्ताव पर यह कदम उठाया गया है।
मई-जून में होगा जल स्तर का अध्ययन
IWAI के निदेशक मयंक त्यागी ने बताया कि वाटर टैक्सी के संचालन के लिए यमुना में न्यूनतम तीन से चार मीटर जल स्तर की आवश्यकता होगी। इसके लिए मई और जून में जल स्तर का गहन अध्ययन किया जाएगा। अगर सबकुछ सही रहा, तो जुलाई से इस सेवा को शुरू करने पर निर्णय लिया जा सकता है।
अगर सबकुछ सही रहा तो जुलाई से इस सेवा को शुरु करने पर निर्ण लिया जा सकता है।
पांच घंटे में तय होगी 200 किमी की दूरी
हथिनी कुंड बैराज से दिल्ली तक की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है। वर्तमान में इस दूरी को पार करने में पानी को 72 घंटे लगते है। लेकिन वाटर टैक्सी के जरिए यह सफर सिर्फ पांच से छह घंटे में पूरा किया जा सकेगा। अप और डाउन स्ट्रीम की गति और प्रभाव का आकलन कर इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
सहारनपुर और बागपत को भी मिलेगा लाभ
इस जलमार्ग के माध्यम से सहारनपुर और बागपत जैसे उत्तर प्रदेश के जिलों को भी फायदा होगा। अभी तक IWAI उत्तर प्रदेश में वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक जलमार्ग पर यात्री और मालवाहक जहाजों का संचालन कर रहा है।
बड़े जलयानों से बढ़ेगी सुविधा
प्राधिकरण के निदेशक पंकज त्यागी ने बताया कि छोटे जलयानों का संचालन सफल होने के बाद बड़े जलयानों को भी इस रूट पर लाया जा सकता है। इससे न केवल उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी के लोगों को दिल्ली तक पहुंचने का दूसरा विकल्प मिलेगा, बल्कि मोटरसाइकिल और छोटी कारों को भी जलयानों के जरिये स्थानांतरित किया जा सकेगा।
आधुनिक जल परिवहन से कम होगा यातायात भार
जल परिवहन के इस नए विकल्प से एनसीआर के सड़क यातायात का दबाव कम होगा। यह पहल न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि प्रदूषण और ईंधन खपत में भी कमी लाएगी। जुलाई तक योजना को अंतिम रूप देने के प्रयास किए जा रहे है।
