द न्यूज गली, नोएडा : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर-128 स्थित सुल्तानपुर गांव में तालाब निर्माण के टेंडर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक निर्माण एजेंसी ने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र का इस्तेमाल कर टेंडर जीतने की कोशिश की, जिसे जांच के दौरान पकड़ लिया गया। अब नोएडा प्राधिकरण ने एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?
यह मामला जनवरी में सामने आया, जब नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्कल 9 ने करीब 4.50 करोड़ रुपये की लागत से 11,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में तालाब बनाने की परियोजना के लिए टेंडर जारी किया। इस टेंडर के लिए पांच एजेंसियों ने आवेदन किया था। सबसे कम लागत पर निर्माण करने के लिए चुनी गई एजेंसी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में इससे जुड़े निर्माण कार्य का दावा किया और अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया।
सिविल विभाग को हुआ प्रमाणपत्र पर संदेह
नोएडा प्राधिकरण के सिविल विभाग को प्रमाणपत्र पर संदेह हुआ और उन्होंने इसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संबंधित कार्यालय को सत्यापन के लिए भेज दिया। आश्चर्यजनक रूप से, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इंजीनियरों ने प्रमाणपत्र को सही ठहराते हुए ई-मेल के माध्यम से पुष्टि कर दी।
भौतिक सत्यापन में पकड़ी गई हकीकत
प्राधिकरण को संदेह हुआ तो उसने मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन करवाया। जांच के दौरान अधिकारियों को वह तालाब नहीं मिला, जिसके निर्माण का दावा किया गया था। यानी, एजेंसी ने जिस जलाशय के निर्माण का अनुभव प्रमाणपत्र दिया था, वह वास्तव में मौजूद ही नहीं था।
संबंधित एजेंसी को किया जाएगा ब्लैकलिस्ट
इस घोटाले के उजागर होने के बाद नोएडा प्राधिकरण ने संबंधित एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही, मामले की गहराई से जांच करने के निर्देश दिए गए है ताकि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़ों को रोका जा सके।
टेंडर प्रक्रिया पर उठे सवाल
इस घटना के बाद टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इंजीनियरों ने भी इस फर्जी प्रमाणपत्र को सही बताया था। इस पर भी अब जांच की जा रही है।