
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : छात्र-छात्राओं की आटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार आइडी) बनाने में जिले के निजी स्कूल लापरवाही बरत रहे है। इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) राहुल पंवार ने 450 निजी स्कूलों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। यदी संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो इन स्कूलों की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी स्कूलों में बेहतर स्थिति, निजी स्कूलों में सुस्ती
बीएसए का कहना है कि शासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों की अपार आइडी बनाना अनिवार्य किया है। जिले में लगभग 1250 स्कूल संचालित है, जिनमें सरकारी और निजी दोनों प्रकार के संस्थान शामिल है। सरकारी स्कूलों में आइडी बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है और 90 फीसदी छात्रों की आइडी तैयार हो चुकी है। शेष बच्चों की आइडी जल्द ही बनवा दी जाएगी।
आइडी बनवाने में स्कूल कर रहे लापरवाही
इसके विपरीत निजी स्कूलों में इस प्रक्रिया को लेकर गंभीर लापरवाही देखने को मिल रही है। जिले में पंजीकृत 6.5 लाख छात्रों में से अब तक केवल 2.72 लाख छात्रों की ही आइडी बन पाई है। कई निजी स्कूलों ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटली संरक्षित करने की प्रक्रिया बाधित हो रही है।
फरवरी तक सभी छात्रों का आइडी अनिवार्य, निजी स्कूलों की सुस्ती बरकरार
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने सभी छात्रों की आइडी पांच फरवरी तक बनवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन निजी स्कूल इन निर्देशों का पालन करने में ढिलाई बरत रहे है। 200 से अधिक स्कूलों में अब तक एक भी छात्र की आइडी नहीं बनी है।
450 स्कूलों को चेतावनी नोटिस भेजा गया
इस स्थिति को देखते हुए, 450 स्कूलों को चेतावनी नोटिस जारी कर दिया गया है। यदि ये स्कूल जल्द से जल्द सभी बच्चों की आइडी नहीं बनवाते है, तो उनकी मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इतना ही नहीं, उच्चाधिकारियों को इन स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा जाएगा।
नाम संशोधन की समस्या बनी बड़ी बाधा
बीएसए कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, कई स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने छात्रों के आधार कार्ड में नाम संशोधन की समस्या को आइडी न बनने का कारण बताया है। उनका कहना है कि अभिभावक भी आधार में नाम संशोधन के बाद ही आइडी बनवाने की बात कह रहे है। प्रशासन ने इस समस्या को हल करने के लिए भी कदम उठाने की योजना बनाई है ताकि हर छात्र की आइडी समय पर बन सके।
निजी स्कूलों की जिम्मेदारी से भागने की आदत
यह पहली बार नहीं है जब निजी स्कूलों को इस प्रक्रिया के लिए निर्देश दिए गए है। इससे पहले भी नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन अधिकांश स्कूलों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अगर निजी स्कूल जल्द ही अपने पंजीकृत छात्रों की आइडी नहीं बनवाते, तो उनकी मान्यता रद्द होने के साथ-साथ अन्य दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।