-मामले में अधिवक्ताओं से प्राप्त किया था फीडबैक
-ज्ञापन के माध्यम से नया कानून बनाने की मांग
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: अधिवक्ता परिषद ब्रज, जिला गौतमबुद्ध नगर इकाई ने विभिन्न मांगों के समर्थन में राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन एडीएम अतुल कुमार को सौंपा। अधिवक्ताओं ने बताया कि मामले में अधिवक्ता परिषद ने विभिन्न क्षेत्रों के महत्वपूर्ण व्यक्तियों से बातचीत की है तथा उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में वकालत करने वाले अधिवक्ताओं से भी फीडबैक प्राप्त किया था। बताया कि 12 एवं 13 अप्रैल को अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमे सर्वसम्मति से accountbility of judiciary के संबंध में एक resolution पास किया गया। जिस बारे में ज्ञापन सौंपा गया है।
यह है मांग
ज्ञापन के माध्यम से अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने मांग की है कि एक नया कानून लाया जाए, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि न्यायिक आचरण की नियुक्ति और निगरानी की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी तरीके से होग और इस प्रक्रिया में न्यायपालिका की प्रमुख भूमिका हो। जब तक यह कानून प्रभावी नहीं हो जाता, तब तक कॉलेजियम के माध्यम से उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति की वर्तमान प्रक्रिया जारी रह सकती है, जबकि पूर्व-विचार जांच आदि सहित अधिक पारदर्शिता लाई जा सकती है। वर्तमान पदाधिकारियों की जवाबदेही (अदालतों के संचालन सहित) से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व सीजेआई और उच्च न्यायालयों के सीजे और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ एक स्थायी समिति का गठन किया जाना चाहिए। उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को तबादले के लिए नोटिस दिया जा सकता है यदि उनके परिवार के सदस्य, करीबी रिश्तेदार संबंधित उच्च न्यायालय या उस राज्य के अधीनस्थ न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में अभ्यास करते हैं। मांग है कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में भविष्य की नियुक्तियाँ समान सेवानिवृत्ति आयु के अधीन हो सकती हैं। इस अवसर पर प्रेम सिंह, सुरेश बैसोया, अनुराग त्यागी, गजेन्द्र, दीपक शर्मा, कपिल नागर, आलोक शर्मा, राजन शर्मा, मुकेश, कविता, अनुराग भाटी सहित अन्य लोग मौजूद थे।
