द न्यूज गली, नोएडा : साइबर क्राइम पुलिस ने सेवानिवृत्त अधिकारी से हुई 52 लाख की ठगी के मामले में केस दर्ज किया है। निवेश के नाम पर साइबर ठगों ने ठगी की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने खाता फ्रीज कराकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही पूरे मामले का पर्दाफाश होगा।
मार्च से शुरू हुआ था मामला
सेवानिवृत्त अधिकारी दीपांकर मुखर्जी ने पुलिस को बताया कि वह नोएडा के सेक्टर 31 निठारी में रहते है। पुलिस को दी गई शिकायत में उन्होंने कहा है कि ठगी का पूरा मामला 12 मार्च से 11 अप्रैल का है। एचएसबीसी सिक्योरिटीज का प्रतिरुप बनाकर उनके साथ ठगी की गई। उन्होंने बताया कि 12 मार्च 2025 को उनको एचएसबीसी लोगो वाले (एचएसबीसी सिक्योरिटीज) ग्रुप से जोड़ा गया। पहले से करीब 100 लोग जुड़े थे।
दी गई सलाह
ग्रुप में ही सलाह दी गई कि एनएसई और बीएसई में स्टॉक पर बल्क डील या आईपीओ में निवेश करने पर मुनाफा होगा। गु्रप की जांच करने पर पता चला कि अदिति अरोड़ा नाम की महिला एडमिन है और दीपेश सलाहकार। कई दिनों तक चली वार्ता के बाद कहा गया कि एचएसबीसी सिक्योरिटीज का जो पंजीकरण बताया गया वो दीपेश जैन के नाम पर ही था। ऐसे में विश्वास हो गया। दीपेश अक्सर मुझे जानकारी देता है किस पर पैसा निवेश करना चाहिए। ग्रुप पर लोग मुनाफा का स्क्रीन शॉट तक डालने लगे।
स्टेप बाई स्टेप दी गई जानकारी
पीड़ित ने बताया कि एचएसबीसी स्टॉक एडवाइजर अदिति अरोड़ा के साथ एक दूसरे व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करने के बारे में स्टेप बाई स्टेप जानकारी दी गई। इस ऐप पर भी एचएसबीसी का लोगो था। इसमें सिर्फ तीन सदस्य अदिति अरोड़ा, अनीता मिश्रा और पीड़ित था। फिर एक तीसरा व्हाट्सएप बनाया गया और मुझे एचएसबीसी डिपॉजिट सर्विसेज नाम से जोड़ा गया। इसे अनीता मिश्रा द्वारा प्रबंधित किया गया था। जिन्होंने दावा किया था कि वे एचएसबीसी डिपॉजिट सर्विसेज हैं। एचएसबीसी सिक्योरिटीज की प्रमुख। इसके बाद मोबाइल और लैपटॉप मुझसे ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड कराया गया। उसके बाद ठगी की घटना को अंजाम दिया गया।
