द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : गौतमबुद्धनगर पुलिस ने एक सराहनीय और जनहितैषी पहल की शुरुआत की है। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के मार्गदर्शन में साइबर अपराध से पीड़ि़त नागरिकों को उनके बैंक खातों में ‘लीन’ (होल्ड-फ्रीज) की गई धनराशि को वापस दिलाने के लिए निःशुल्क विधिक सहायता मुहैया कराई जा रही है।
इस प्रयास के तहत गौतमबुद्धनगर बार एसोसिएशन एवं माननीय न्यायालयों के न्यायाधीशों के सहयोग से समन्वय स्थापित कर पीड़ितों को यह राशि विधिक प्रक्रिया के माध्यम से शीघ्र वापस दिलाई जा रही है। यह पहली बार है जब इस प्रकार की ठगी में अटकी अल्प धनराशि को लेकर प्रशासन ने इतनी गंभीरता दिखाई है।
अधिवक्ताओं ने निभाई जिम्मेदारी, बिना शुल्क दे रहे सहायता
गौरतलब है कि ऐसे मामलों में धनराशि अक्सर कम होती है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया में अधिवक्ता की फीस अपेक्षाकृत अधिक होने के कारण पीड़ित लोग इसकी वसूली में रुचि नहीं लेते। इसी स्थिति को समझते हुए बार एसोसिएशन ने आगे आकर 27 अधिवक्ताओं की सूची पुलिस को सौंपी है, जो स्वेच्छा से निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
जागरूकता के लिए भी बड़ा अभियान
पुलिस कमिश्नरेट की यह पहल सिर्फ विधिक सहायता तक सीमित नहीं है। साइबर जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से यह अभियान अब औद्योगिक संगठनों, शिक्षण संस्थानों, सोसाइटियों एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है।
पोर्टल की शिकायतों का होगा त्वरित निस्तारण
इस पहल के माध्यम से भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर लंबित शिकायतों का भी त्वरित समाधान संभव हो सकेगा। पीड़ितों को व्यक्तिगत रूप से सूचना देकर उनसे संबंधित मामलों में प्रक्रिया पूरी करवाई जा रही है।
पुलिस कमिश्नर ने जताया आभार
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने इस पहल में सहयोग देने के लिए अधिवक्ता संघ एवं माननीय न्यायालय के न्यायाधीशों का हृदय से आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य ठगी रोकने के साथ ही पीड़ितों को न्याय दिलाना और उन्हें उनके हक की राशि वापस दिलाना भी उतना ही जरूरी है।
