द न्यूज गली, नोएडा : शेयर मार्केट में निवेश कर अधिक लाभ कमाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से ₹33.92 लाख की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का नोएडा साइबर क्राइम थाना पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जो ठगी में प्रयोग किए गए थे।

एक जून को दर्ज हुई शिकायत
पुलिस के अनुसार सेक्टर-45, नोएडा निवासी वादी ने 1 जून 2024 को शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उसे शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के बदले बड़े रिटर्न का लालच देकर अलग-अलग बैंक खातों में कुल ₹33,92,161 रुपये ट्रांसफर करवाए और बाद में संपर्क काट लिया। शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना, गौतमबुद्धनगर में IPC की धारा 419, 420, 120B तथा IT एक्ट की धारा 66D के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई।

जांच के दौरान पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संलिप्त बैंक खातों को फ्रीज कर दिया और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर राजस्थान के विभिन्न स्थानों से तीन मुख्य अभियुक्तों महेन्द्र पुत्र ओमप्रकाश (जिला बीकानेर) दिनेश पुत्र रामू राम (जिला फलौदी) विकास विश्नोई पुत्र हरी राम मेहला (जिला जोधपुर) को गिरफ्तार किया।

धोखाधड़ी की रकम से खोली फर्जी कंपनी
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी दिनेश ने साइबर ठगी की रकम को वैध रूप देने के लिए एक फर्जी कंपनी बनाई, जिसमें वह स्वयं प्रोपराइटर था और महेन्द्र सिग्नेचर अथॉरिटी के रूप में काम कर रहा था। विकास इस गिरोह में धन के लेनदेन और सेटलमेंट का कार्य देखता था।

पीड़ित की राशि में से अब तक ₹18 लाख की रकम वापस कराई जा चुकी है। वहीं ₹4.20 लाख एक संदिग्ध कंपनी के खाते में ट्रांसफर हुए पाए गए, जिसे पुलिस ने ट्रेस कर लिया है। इस कंपनी से जुड़े अन्य दो लोगों को भी श्रीगंगानगर और सूरतगढ़ से गिरफ्तार किया गया है।

देशभर से जुड़ी हैं 11 शिकायतें
गिरफ्तार आरोपियों द्वारा प्रयोग किए गए बैंक खातों की जांच के दौरान पता चला कि उनसे संबंधित कुल 11 साइबर ठगी की शिकायतें देश के विभिन्न राज्यों कर्नाटक (4), महाराष्ट्र (3), तमिलनाडु (2), उत्तर प्रदेश (1), और पश्चिम बंगाल (1) से दर्ज की जा चुकी हैं।

पुलिस की अपील
साइबर क्राइम थाना पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्था के कहने पर निवेश या लेन-देन न करें। किसी भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या लिंक की सूचना तत्काल निकटतम साइबर थाना या हेल्पलाइन 1930 पर दें।