द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: नालेज पार्क स्थित लॉयड इंजीनियरिंग कॉलेज में HR कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया गया। कॉन्क्लेव की थीम AI की सदी और भर्ती की नई दिशाएं थी। जिसका उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के तेजी से बढ़ते प्रभाव और मानव संसाधन प्रबंधन में उसकी भूमिका पर विचार-विमर्श करना था। कार्यक्रम में 400 से अधिक एचआर पेशेवरों, शिक्षाविदों, एआई विशेषज्ञों और छात्रों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ लॉयड कॉलेज समूह के अध्यक्ष मनोहर थैरानी ने किया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के छात्रों को डिग्री पर नहीं, बल्कि AI, डेटा साइंस और डिजिटल टूल्स जैसे तकनीकी कौशलों में दक्षता प्राप्त करनी चाहिए। कहा कि आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में निरंतर सीखना और स्वयं को अनुकूल बनाना ही सफलता की कुंजी है।
मानव का विकल्प नहीं तकनीक
संस्थान के वरिष्ठ निदेशक डाक्टर राजीव अग्रवाल ने बताया कि किस प्रकार AI ने पारंपरिक भर्ती प्रक्रियाओं को बदल दिया है। पहले चयन प्रक्रिया मैन्युअल और समय लेने वाली होती थी, अब मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स की मदद से यह प्रक्रिया अधिक कुशल और त्वरित हो गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तकनीक मानव का विकल्प नहीं, बल्कि सहायक साधन है। मुख्य वक्ता जयंत कृष्णा, पूर्व सीईओ NSDC ने भारत के AI बाज़ार की तीव्र गति से हो रही वृद्धि, सरकारी योजनाओं तथा AI आधारित नौकरियों की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। कहा कि जब AI मानव बुद्धि को पार कर जाएगा, तब नैतिक नेतृत्व और मानव मूल्य सबसे महत्वपूर्ण बनेंगे।


