-भारतीय उच्च शिक्षा में बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
-डाक्टर ध्रुव गलगोटिया ने पहल को नई पीढ़ी के लिए बताया शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: गलगोटिया विश्वविद्यालय और नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू), सिंगापुर द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किए गए एक्टिव एवं कोलैबेरेटिव लर्निंग कार्यक्रम की पहली वर्षगांठ गलगोटिया विश्वविद्यालय परिसर में मनाई गई। इस पहल को भारतीय उच्च शिक्षा में बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। समारोह में यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के वरिष्ठ अधिकारी प्रो. साइमन बेट्स मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सिर्फ एक वर्ष में गलगोटियास विश्वविद्यालय ने जिस तरह से शिक्षा पद्धति में नवाचार किया है, वह सराहनीय और देशभर के विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरणादायक है।
क्रांतिकारी परिवर्तन
विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाक्टर ध्रुव गलगोटिया ने इस पहल को नई पीढ़ी के लिए शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन बताया। उन्होंने कहा कि एक्टिव लर्निंग ने न केवल पढ़ाने-पढ़ने के तरीके को बदला है, बल्कि छात्रों में जुड़ाव, सहयोग और आत्मविश्वास बढ़ाने का मार्ग भी प्रशस्त किया है। इस व्यवस्था ने बैकबेंचर्स जैसी पुरानी धारणाओं को खत्म कर हर छात्र को बराबर का हिस्सेदार बना दिया है। इस दौरान 18 स्कूलों ने 21 प्रदर्शनी के माध्यम से अपनी अभिनव शिक्षण पद्धतियों को प्रस्तुत किया। इनमें से श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन स्कूलों को विश्वविद्यालय की निदेशक संचालन आराधना गलगोटिया ने सम्मानित भी किया। शिक्षकों ने साझा किया कि इस पहल से छात्रों की सोचने की क्षमता, सहभागिता एवं आत्मविश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। युनिवर्सिटी के कुलाधिपति सुनील गलगोटिया ने कहा कि पूरे विश्वविद्यालय में शिक्षण पद्धति को बदलना आसान नहीं था, लेकिन आज जो परिणाम सामने आए हैं, वह सामूहिक मेहनत और समर्पण का नतीजा हैं।

