-एसटीपी को लगभग एक साल में बनाने का है लक्ष्‍य
-अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से और अधिक साफ होगा पानी

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: सीवर के पानी को शत-प्रतिशत शोधित करने कि दिशा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लक्ष्य हासिल करने की तरफ एक कदम और बढ़ा दिया है। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने आईटी सिटी में भी 12  एमएलडी क्षमता के अत्याधुनिक तकनीक वाले एसटीपी के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। निर्माण के लिए सीवर विभाग ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। लगभग 42 करोड रुपए की लागत वाले इस एसटीपी का निर्माण 12 माह में पूरा करने का लक्ष्य है। एनजीटी से निर्धारित पैरामीटर का  पालन करते हुए यह एसटीपी ट्रसरी ट्रीटमेंट तकनीक पर आधारित होगा।

शोधित पानी का होगा उपयोग
ग्रेटर नोएडा में चार एसटीपी बने हुए हैं। एनजीटी ने एसटीपी से शोधित पानी को और स्वच्छ बनाने के निर्देश दिए हैं। मौजूदा समय में एसटीपी से शोधित पानी में फिकल की मात्रा 230 मिलीग्राम प्रति लीटर केसर आसपास होती है। एनजीटी ने इसे और कम  करते हुए 100 से भी पर लाने को कहा है। इसमें टीडीएस व बीओडी-सीओडी की मात्रा भी इतनी कम हो जाएगी। इससे जल प्रदूषण पर भी लगाम लग सकेगी। एनजीटी के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सीवरेज का शत-प्रतिशत शोधन करने की पर काम करने के निर्देश दिए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह का कहना है कि एसटीपी का निर्माण शुरू करने की तैयारी है। इसके साथ ही सभी एसटीपी को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने पर भी काम चल रहा है। प्राधिकरण की कोशिश है कि ट्रीटेड वाटर को और स्वच्छ बनाया जा सके। शोधित पानी का इस्तेमाल औद्योगिक उत्पादनों के लिए भी किया जा सकेगा। इससे भूजल स्तर को रोकने में भी मदद मिलेगी।