-विशेषज्ञों ने अपने अनुभव व शोध को किया साझा
-विशेषज्ञों ने कहा कि फार्मेसी में भी एआई ने निभाई है अहम भूमिका
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: नॉलेज पार्क स्थित लॉयड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स (फार्मेसी) में एम्ब्रेसिंग एआई इन फार्मा, विषय पर पाँचवें वार्षिक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन लॉयड ग्रुप (फार्मेसी) तथा आईबीएम बिज़नेस एनालिटिक्स लैब के सहयोग से आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य फार्मा शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग क्षेत्र में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) के नवाचारों को समझना, बढ़ावा देना और अपनाना था।लॉयड ग्रुप की चीफ स्ट्रैटेजिस्ट ऑफिसरऔर हेड ग्रोथ, डॉ. वंदना अरोड़ा सेठी ने बताया कि यह सम्मेलन देश-विदेश के विशिष्ट शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों को एक साझा मंच प्रदान करता है। जहां पर वह अपने अनुभवों, शोध निष्कर्षों और नवाचारपूर्ण दृष्टिकोण को साझा करते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डीपी सिंह (एजुकेशन एडवाइजर, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार) थे। सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. जीएन सिंह( एडवाइजर, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ,पूर्व ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) ने की।

एआई से मिली मदद
कार्यक्रम में आए विशेषज्ञों ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि एक परिवर्तनकारी शक्ति बन चुकी है। एआई अब दवाओं की खोज, डिलीवरी सिस्टम के डिज़ाइन, पर्सनलाइज़्ड मेडिसिन, रोग-निदान, गुणवत्ता नियंत्रण, और रेगुलेटरी सिस्टम—हर क्षेत्र में क्रांति ला रहा है। ऐसे समय में इस सम्मेलन का आयोजन अत्यंत सार्थक है, क्योंकि यह मंच हमें ज्ञान, नवाचार और वैश्विक सहयोग की नई संभावनाएँ प्रदान करता है। सम्मेलन में भारत के 14 राज्यों और 100 से अधिक विश्वविद्यालयों -जैसे जामिया हमदर्द, डीपीएसआरयू, जामिया मिलिया इस्लामिया, नाइपर, गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, एलएनसीटी यूनिवर्सिटी, गलगोटिया यूनिवर्सिटी आदि के 1200 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। 500 से अधिक शोध पत्र और पोस्टर प्रस्तुत किए गए। पैनल डिस्कशन में मीनल भट्ट, डॉ. सौरभ अरोड़ा, डॉ. खालिद रज़ा और अन्य उद्योग विशेषज्ञों ने एआई के भविष्य, चुनौतियों और फार्मा सेक्टर में इसकी व्यवहारिक संभावनाओं पर चर्चा की।सम्मेलन के दौरान प्रोफ़ेसर वंदना बी. पत्रावले को एक्ज़ेम्प्लरी फ़ार्मेसी प्रोफेशनल अवार्ड, से सम्मानित किया।

