बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष दीपक कुमार ने दिया आदेश
-बैठक में लिए गए कई अन्य अहम फैसले
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपनी 141 वीं बोर्ड बैठक में शहर के विकास व जनता की सुविधा के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। एक अहम फैसले के तहत बायर्स को घर न देने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। ऐसे एक दर्जन बिल्डरों से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों से प्राप्त रियायत वापस लिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष दीपक कुमार ने कहा कि जिन बिल्डरों ने अब तक न तो बायर्स के नाम रजिस्ट्री शुरू की है और न ही प्राधिकरण का बकाया धनराशि जमा की है उनको अब और वक्त देने का कोई लाभ नहीं है। उन्होंने ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ऐसे एक दर्जन बिल्डर हैं, जिनमें एवीजे डेवलपर्स सेक्टर बीटा टू, एमएसएक्स रियलटेक सेक्टर अल्फा वन, ज्योतिर्मय इंफ्राकॉन सेक्टर-16सी, अंतरिक्ष इंजीनियरिंग सेक्टर-1, एलिगेंट इंफ्राकॉन सेक्टर टेकजोन-4 आदि शामिल हैं। ज्ञात हो कि अमिताभ कांत समिति के सिफारिशों के आधार पर रियल एस्टेट के लिगेसी प्रोजेक्ट्स की अड़चनों को हल करने के लिए लाई गई पॉलिसी पैकेज का अब तक 98 में से 85 बिल्डर परियोजनाओं को लाभ मिला है। इन परियोजनाओं को पूरा कर खरीदारों को उनका आशियाना देने का रास्ता साफ हुआ है और पॉलिसी का लाभ लेकर लगभग 18 हजार फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री हुई है। बाकी 13 बिल्डरों ने खरीदारों के नाम रजिस्ट्री करने का दिशा में कोई प्रयास नहीं किया है। ऐसे बिल्डरों पर ही अब कार्रवाई के लिए बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
टूल रूम की होगी शुरुआत
भारत सरकार की योजना के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा और आसपास के युवाओं को तकनीकी दक्षता देकर उद्योगों के हिसाब से तैयार करने के लिए जल्द ही टूल रूम शुरू होने जा रहा है। भारत सरकार की तरफ से निर्माणाधीन टूल रूम के कंपलीशन के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने टाइम एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। इसका कंपलीशन होने से युवाओं के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम जल्द षुरू होने की उम्मीद है।
मिलेगा मालिकाना हक
बोर्ड ने शनिवार को एक और अहम निर्णय लेते हुए आवासीय समितियो में सब्सीक्वेंट मेंबर (काबिजदारों) के नाम रजिस्ट्री की अनुमति दे दी है, जिससे इन आवासीय समितियो में सब्सीक्वेंट मेंबरों को भी संपत्ति पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एरिया में सीनियर सिटीजन सोसाइटी और एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड समेत कई ऐसी आवासीय समितियां हैं, जिनमें कंपलीषन न होने के कारण संपत्तियों का हस्तांतरण नहीं हो पा रहा। खरीदार पावर ऑफ अटॉर्नी पर इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री कर रहे हैं। एक संपत्ति पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर एक से अधिक बार बिक चुकी है, लेकिन रजिस्ट्री न हो पाने के कारण उनको मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा और इसी वजह से अन्य संपत्तियों की तुलना में इनकी बाजार कीमत भी कम होती है। इन संपत्तियों के खरीदार परेशान हैं और प्राधिकरण से रजिस्ट्री के लिए गुहार लगा रहे हैं। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की पहल पर आवासीय समिति विभाग की तरफ से बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव रखा गया, जिसे बोर्ड ने मंजूर कर लिया है।
निर्मित फ्लैटों की आएगी स्कीम
एक और अहम निर्णय लिया है। प्राधिकरण सेक्टर ओमीक्रॉन वन में स्थित बहुमंजिला आवासीय इमारतों के फ्लैटों की स्कीम जल्द लाने की तैयारी कर रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने शनिवार को इस स्कीम के ब्रोशर व नियम-शर्तों पर अप्रूवल दे दी है। इस स्कीम के लिए ऑनलाइन आवेदन होगा। ई-ऑक्शन के जरिए आवंटन होगा।
कॉरपस फंड को मिली अनुमति
ग्रेटर नोएडा की पहचान मजबूत इंफ्रास्ट्रचर और हरियाली से होती है। इसे बरकरार रखने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने पहल की है। ग्रेटर नोएडा के रखरखाव के लिए कॉरपस फंड बनाया गया है। बोर्ड ने भी शनिवार को कॉरपस फंड पर अपनी सहमति दे दी है। इस फंड का इस्तेमाल ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि अगर भविष्य में प्राधिकरण की आमदनी कम हो जाती है तो इस फंड से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर, मसलन सड़क, सीवर, नाली, विद्युत, उद्यान आदि का रखरखाव आसानी से हो सकेगा। यह फंड किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में सुरक्षित रखा जाएगा। इस फंड में लीज रेंट, क्रय योग्य एफएआर शुल्क, रेस्टोरेशन चार्जेस, टाइम एक्सटेंशन चार्ज आदि से प्राप्त होने वाली धनराशि को इस फंड में रखा जाएगा।
