द न्यूज गली, नोएडा : थाना फेस-1 पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी कॉल सेंटर चलाकर नौकरी के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मौके से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल फोन, बैंक से जुड़े दस्तावेज, फर्जी जॉइनिंग लेटर और कई तरह की संदिग्ध सामग्री बरामद की है। मामले में थाना फेस-1 नोएडा में गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार, गोपनीय जानकारी और मैनुअल इंटेलिजेंस के आधार पर सेक्टर-16 नोएडा के मकान संख्या 44A में छापेमारी कर तीन लोगों को पकड़ा गया। इनमें 26 वर्षीय विशाल राघव पुत्र प्रवेन्द्र सिंह राघव, 52 वर्षीय आमिर उस्मानी पुत्र एहसानुल्लाह और 27 वर्षीय वरुण कुमार पुत्र रमेश मलिक शामिल हैं। तलाशी के दौरान छह स्मार्टफोन, एक कीपैड मोबाइल, चार डेबिट कार्ड, तीन सिमकार्ड, एक पासबुक, फिनो बैंक किट, चार फर्जी जॉइनिंग लेटर, तीन स्टांप, दो खाली सिम कार्ड वाले लिफाफे और एक चेक बुक बरामद की गई।

नौकरी दिलाने का लालच देकर फंसाते थे बेरोजगार युवक-युवतियों को
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जो नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को कॉल कर विभिन्न कंपनियों में रोजगार दिलाने का दावा करता था। पंजीकरण, प्रोसेसिंग शुल्क और डॉक्यूमेंटेशन के नाम पर इनसे पैसे ऐंठे जाते थे।
मुख्य आरोपी विशाल राघव अपने साथियों आमिर उस्मानी और वरुण कुमार के साथ मिलकर फर्जी बैंक खाते, डेबिट कार्ड, चेक बुक और प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड की खरीद-फरोख्त करता था। इन खातों की जानकारी यह लोग फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले अनुज कुमार और रोमेश नामक संचालकों को उपलब्ध कराते थे। अनुज और रोमेश इन खातों के जरिए ठगे गए पैसों को घुमाते थे, जबकि विशाल इन खातों से नकदी निकालकर कमीशन काटने के बाद रकम वापस गिरोह के सरगनाओं को सौंप देता था।वरुण कुमार खुद भी एक अलग कॉल सेंटर चलाकर बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर धोखाधड़ी में शामिल था। पुलिस के मुताबिक, इस मामले के मुख्य आरोपियों अनुज और रोमेश को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।