-वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के नए कैंपस से इंडो-ऑस्ट्रेलियन शैक्षणिक संबंध होगा मजबूत
-ग्रेनो प्राधिकरण ने कैंपस के लिए 40,000 वर्ग फुट जगह लीज पर दी

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा पहले से ही एजुकेशन हब के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। शिक्षा के क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा को एक और बड़ी सफलता मिली है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लंबे समय से किए जा रहे प्रयास के बाद ग्रेटर नोएडा में वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी का नया कैंपस खुलेगा। इसके लिए करार हो गया। कैंपस खोलने के लिए ग्रेनो प्राधिकरण ने 40,000 वर्ग फुट जगह लीज पर दी है। नई दिल्ली के आईटीसी मौर्या होटल में ऑस्ट्रेलिया सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और भारत की हायर-एजुकेशन कम्युनिटी के सीनियर लीडर्स की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच हस्ताक्षर हुए। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार, उत्तर प्रदेश सरकार के हायर एजुकेशन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एमपी अग्रवाल, वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और वाइस प्रेसिडेंट प्रोफेसर जॉर्ज विलियम्स, वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी की प्रोवोस्ट प्रोफेसर डेबोरा स्वीनी, डेलॉइट के डायरेक्टर अरविंद गुप्ता और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव मौजूद रहे।

यह पाठ्यक्रम होगा शुरू
इस कैंपस के पहले चरण में बिजनेस एनालिटिक्स, मार्केटिंग, डेटा साइंस, सस्टेनेबल वॉटर फ्यूचर्स और एग्रीकल्चर में प्रोग्राम में शिक्षा प्रदान करने की योजना है। दूसरे चरण में इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप और सप्लाई चेन मैनेजमेंट के बारे में शैक्षणिक पाठ्यक्रम शुरू होगा। इस कार्यक्रम में अवनीश अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एजुकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों में तेजी से आगे बढ़ रहा है, और इस तरह की पार्टनरशिप उस भरोसे को दिखाती है जो दुनिया अब हमारे राज्य के डेवलपमेंट एजेंडा में रखती है। एक लीडिंग ऑस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटी का आना सिर्फ सिंबोलिक नहीं है, बल्कि हमारे युवाओं, खासकर लड़कियों के लिए मौकों का एक नया क्षितिज खोलता है, जो असाधारण मुकाम हासिल कर रही हैं। जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन-डॉलर की इकॉनोमी बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे कोलेबोरेशन स्किल्ड, फ्यूचर के हिसाब से टैलेंट को विकसित करने में अहम भूमिका निभाएंगे। अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने कहा कि यह कोलेबोरेशन हमारे युवाओं की उम्मीदों और राज्य में उनके लिए मौजूद मौकों के बीच के गैप को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।