द न्यूज़ गली, नोएडा: पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर लोगों को झांसा देकर ठगी करने वाले दो शातिर साइबर अपराधियों को थाना साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित फर्जी लोन सैंक्शन लेटर व्हाट्सएप पर भेजकर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर रकम वसूलते थे। पुलिस ने दोनों को खोड़ा कॉलोनी (गाजियाबाद) और न्यू अशोक नगर (दिल्ली) से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान हिमांशु दूबे पुत्र कपिल देव दूबे निवासी मधु बिहार, खोड़ा कॉलोनी (मूल निवासी करनैलगंज, गोंडा) और हिमांशु पुत्र नरेन्द्र निवासी न्यू अशोक नगर, दिल्ली (मूल निवासी मेरठ) के रूप में हुई है। दोनों की उम्र 25 से 28 वर्ष के बीच बताई गई है।
पीड़ितों को व्हाट्सएप पर फर्जी लोन सैंक्शन लेटर भेज दिया
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह निजी कंपनी से प्राप्त डाटा का दुरुपयोग कर लोन की जरूरतमंद लोगों को फोन कॉल के जरिए संपर्क करता था। पर्सनल लोन स्वीकृत होने का भरोसा दिलाकर आरोपित प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्ज के नाम पर रकम मंगवाते थे। इसके बाद पीड़ितों को व्हाट्सएप पर फर्जी लोन सैंक्शन लेटर भेज दिया जाता था।
पुरानी नौकरी से मिला डाटा बना ठगी का जरिया
पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों आरोपित पहले सेक्टर-2, नोएडा स्थित एक कंपनी में साथ काम कर चुके हैं। वहीं से उन्होंने ग्राहकों का डाटा हासिल किया और उसी का इस्तेमाल कर ठगी शुरू की। कुछ दिन बाद आरोपी व्हाट्सएप से फर्जी दस्तावेज डिलीट कर देते थे, ताकि सबूत न बचें। ठगी से मिली रकम को आपस में बांट लिया जाता था। पुलिस ने बताया कि हिमांशु दूबे ने ठगी की रकम से हाल ही में एक महंगा गूगल पिक्सल मोबाइल फोन खरीदा था, जिसे बरामद कर लिया गया है। इसके अलावा घटना में प्रयुक्त कुल तीन मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी जब्त किए गए हैं।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
इस मामले में थाना साइबर क्राइम, गौतमबुद्धनगर में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं समेत आईटी एक्ट की धारा 66डी में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों और ठगी के दायरे की जांच कर रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि पर्सनल लोन या अन्य वित्तीय सेवाओं के नाम पर आने वाले अनजान कॉल, लिंक और दस्तावेजों से सतर्क रहें और किसी भी स्थिति में प्रोसेसिंग फीस या अग्रिम रकम न भेजें।
