– गौतमबुद्धनगर से हरियाणा के बीच प्रतिदिन हजारों लोग करते हैं सफर

– जमीन का उचित मूल्य न मिलने के कारण किसान जमीन देने पर सहमत नहीं हो रहे थे

 

ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश व हरियाणा के बीच की दूरी को कम करने के लिए सरकार के द्वारा सालों पूर्व गौतमबुद्ध नगर में मजावली पुल निर्माण की योजना बनाई गई थी।  करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाले पुल का निर्माण वर्षों बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है।  जिसका प्रमुख कारण है जमीन अधिग्रहण में आ रही दिक्कत। आवागमन में लोगों को आ रही दिक्कतों का जिला प्रशासन ने एक बार फिर संज्ञान लिया है । जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने मंझावली पुल का स्थलीय निरीक्षण किया, जमीन अधिग्रहण में आ रही दिक्कतों को किसानों के साथ वार्ता कर समझा।  दावा किया जा रहा है कि किसानों ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है।  जल्द ही बाधा दूर हो जाएगी और निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

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पुल से जुड़ेंगे उत्तर प्रदेश व हरियाणा के कई शहर

मंझावली पुल उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों एवं गांवों को जोड़ेगा। पुल का निर्माण पूरा होने से कई किलोमीटर की दूरी काम हो जाएगी और मिनट में सफर पूरा होगा। 

 मंझावली पुल के अंतर्गत आने वाली भूमि का स्थलीय निरीक्षण कर जिलाधिकारी ने संबंधित महत्वपूर्ण परियोजना को जनपद में तीव्र गति से आगे बढ़ाने के उद्देश्य से जिन किसानों की जमीन इस परियोजना में आ रही है उन सभी किसानों से वार्ता की।  उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के शो विंडो गौतमबुद्धनगर से हरियाणा का फरीदाबाद शहर से सीधा जुड़ने जा रहा है। मंझावली पुल के जरिए अब नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा सिटी तीनों शहर सीधे जुड जाएंगे। लोगों को कुंडली, गाजियाबाद, पलवल एक्सप्रेस और कालिंदी कुंज से होकर ग्रेटर नोएडा आना-जाना पड़ता है, जिसके लिए गौतमबुद्धनगर से मंझावली पुल एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी का माध्यम बन जाएगा। यह सरकार का बहुत महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसकी सौगात जनपद को प्राप्त होने जा रही है। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा जिन किसानों की जमीन इस परियोजना में आ रही है उन सभी किसानों से गहन विचार-विमर्श किया।  जिसके बाद परियोजना को जनपद में तीव्र गति से आगे बढ़ाने के लिए सम्बन्धित किसानों द्वारा आपसी समझौते के आधार पर मौखिक सहमति दी गई।

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जल्द निश्चित होगा भूमिका उचित मूल्य

मंझावली पुल के निर्माण में भूमिका उचित मूल्य न मिलने की बड़ा सामने आ रही थी सरकार की तरफ से अधिकृत की जड़ी जमीन का उचित मूल्य न मिलने के कारण किसान जमीन देने पर सहमत नहीं हो रहे थे इस कारण पिछले कई वर्ष से पल के निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है,  वहीं दूसरी तरफ हरियाणा की में जो पुल बन रहा है उसका निर्माण पूरा हो चुका है। जिलाधिकारी ने 

संबंधित कृषकों से अलग से वार्ता करके आपसी सहमति से भूमि का मूल्य निर्धारित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने परियोजना को जनपद में तीव्र गति से आगे बढ़ाने के उद्देश्य से संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी प्रदान किए ।

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