द न्यूज गली, लखनऊ: बैंकर ग्रामीण विकास संस्थान (बर्ड) लखनऊ, ने फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (एफसीआरएफ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो आईआईटी, कानपुर का एआईआईडीई-सीओई इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप है। जो साइबर सुरक्षा, डिजिटल अपराध, धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन, साइबर कानून और साइबर फोरेंसिक में अनुसंधान में विशेषज्ञता रखता है। इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य बैंकिंग पेशेवरों के लिए बर्ड के व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ साइबर ऑडिट और अपराध रोकथाम में एफसीआरएफ की विशेषज्ञता को एकीकृत करके कृषि और ग्रामीण बैंकिंग क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना है। यह सहयोग विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल और कार्यशालाओं के विकास की सुविधा प्रदान करेगा जो ग्रामीण वित्तीय सेवाओं में साइबर खतरों की बढ़ती चुनौतियों का समाधान करते हैं।

 

सेवानिवृत्त आइपीएस रहे मौजूद 

एफसीआरएफ की ओर से डॉ. त्रिवेणी सिंह (सेवानिवृत्त आईपीएस) और बर्ड की ओर से शेफाली अग्रवाल, संयुक्त निदेशक ने बर्ड के निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। लखनऊ स्थित बर्ड के निदेशक डॉ. निरुपम मेहरोत्रा ने साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जैसे-जैसे कृषि और ग्रामीण बैंकिंग क्षेत्रों में डिजिटलीकरण का विस्तार हो रहा है। साइबर सुरक्षा और स्वच्छता के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। एफसीआरएफ के साथ सहयोग ग्रामीण वित्तीय संस्थान और अन्य पेशेवरों को साइबर खतरों से सुरक्षा के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करेगा, जिससे एक सुरक्षित और लचीला बैंकिंग परिस्थिति तंत्र सुनिश्चित होगा।

 

क्या बोले अधिकारी 

एफसीआरएफ के डॉ. त्रिवेणी सिंह (सेवानिवृत्त आईपीएस) ने कहा कि  इस महत्वपूर्ण पहल में बर्ड के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं। साइबर सुरक्षा में हमारी विशेषज्ञता को बर्ड के स्थापित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ जोड़कर, हम ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं की अखंडता की रक्षा के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार कर सकते हैं।

 

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