– वर्ष 2015 की घटना, नोएडा की फेज़ 3 कोतवाली में दर्ज हुआ था केस
– केस की सुनवाई के दौरान कुल 12 गवाह हुए पेश
द न्यूज़ गली, ग्रेटर नोएडा : जिला न्यायालय ने 16 साल की किशोरी को अगवा करके सेक्सुअल असाल्ट करने वाले दिलशाद को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। दिलशाद मूल रूप से बिहार के अररिया जिले का रहने वाला है। घटना के दौरान वह नोएडा के खोड़ा कॉलोनी में रह रहा था। केस की सुनवाई न्यायालय अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पॉक्सो द्वितीय सौरभ द्विवेदी ने की।
बाइक से किया था अगवा
विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) चवनपाल सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में दिलशाद ने नोएडा के फेस तीन कोतवाली क्षेत्र से किशोरी को अगवा किया था। उसको मोटरसाइकिल पर बैठाकर अपने साथ ले गया था। घटना के दौरान किशोरी घर से समोसा लेने के लिए गई थी। आरोपी ने करीब 7 घंटे तक किशोरी को बंधक बनाकर घुमाया था। उसके साथ सेक्सुअल असाल्ट किया था। किसी तरह पीड़ित अपने परिवार के संपर्क में आई थी और मामले की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने केस दर्ज कर दिलशाद को गिरफ्तार कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। उस दौरान यह भी पाया गया था कि लोक लाज के डर से कई दिनों तक पीड़िता चुप रही थी। बाद में हिम्मत करके उसने पुलिस से संपर्क किया था। केस की सुनवाई कोर्ट में शुरू हुई। सुनवाई के दौरान कुल 12 गवाह कोर्ट में पेश हुए। गवाह एवं साक्ष्य के आधार पर कोर्ट में दिलशाद को पॉक्सो एक्ट के तहत सेक्सुअल एसॉल्ट का दोषी माना है उसको 10 साल की कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 40,000 का अर्थ लदंड भी लगाया गया है। 80 प्रतिशत राशि पीड़िता को मिलेगी। अर्थदंड की रकम नहीं देने पर दिलशाद को अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
कठोर पैरवी से हुई सजा
कैसे की सुनवाई जब कोर्ट में चल रही थी तो जांच अधिकारी मदन पाल सिंह की भी गवाही हुई। इसके अलावा बाद में जांच अधिकारी बदलने पर सैयद हिसामुद्दीन की भी कोर्ट में गवाही हुई। इस दौरान पुलिस की तरफ से केस में मजबूत पैरवी भी की गई। कई बार आरोपी के दबाव के चलते पीड़ित पिता ने बयान से पलटने का प्रयास किया लेकिन पुलिस के कठोर पैरवी के चलते ऐसा नहीं हो सका। डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट भी केस में अहम साक्ष्य बनी।
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