-मुरादाबाद के सदर कोतवाली प्रभारी जसपाल सिंह ग्वाल और बरेली के नवाबगंज थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा के खिलाफ वारंट
-मामले में आजम खां समेत सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, इस्लाम ठेकेदार के खिलाफ दर्ज हुआ था केस
द न्यूज गली, लखनऊ: जेल में बंद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के खिलाफ यतीमखाना मामले में गवाही नहीं देने पर दो थाना प्रभारियों के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया है। न्यायालय ने केस की सुनवाई करते हुए मुरादाबाद के सदर कोतवाली प्रभारी जसपाल सिंह ग्वाल और बरेली के नवाबगंज थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा के खिलाफ वारंट जारी किया है। दोनों की यतीमखाना मामले में गवाही चल रही है। समय से गवाही नहीं देने पर दोनों के खिलाफ धारा 350 का नोटिस जारी किया गया है।
जबरन खाली कराई थी बस्ती
आजम खां के खिलाफ का मामला मोहल्ला सराय गेट के निकट स्थित यतीमखाना बस्ती से जुड़ा है। आरोप है कि बस्ती को वर्ष 2016 में जबरन खाली कराया गया था। सत्ता में उस दौरान समाजवादी पार्टी थी और आजम खां कैबिनेट मंत्री थी। आरोप है कि आजम के कहने पर पुलिस की मौजूदगी में जबरन बस्ती खाली कराई गई थी। यतीमखाना मामले में दर्ज हुए केस में घरों में घुसकर मारपीट करने, छेड़छाड़ करने, रुपये, जेवर और भैंस-बकरी लूटकर ले जाने के आरोप हैं। मामले में आजम खां समेत सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, इस्लाम ठेकेदार भी नामजद हैं।
12 लोगों ने दर्ज कराया था केस
यतीमखाना मामले में रामपुर के शहर कोतवाली में 12 लोगों द्वारा अलग-अलग केस दर्ज कराए गए थे। न्यायालय ने इन सभी को एक मानकर सुनवाई की जा रही है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन गवाह गवाही देने नहीं आए।
क्यो बोले अधिवक्ता
रामपुर में चल रही सुनवाई में अभियोजन पक्ष की जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि इस मामले में दो पुलिस अधिकारियों की गवाही चल रही है। इनमें एक मुरादाबाद सदर कोतवाली में तैनात निरीक्षक जसपाल सिंह ग्वाल हैं और दूसरे बरेली के थाना नवाबगंज प्रभारी निरीक्षक राजकुमार शर्मा हैं। दोनों पहले रामपुर जिले में तैनात रहे थे। इन दोनों पुलिस अधिकारियों ने यतीमखाना प्रकरण में विवेचना की थी। इस वजह से दोनों की गवाही चल रही है। मामले में अब अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।
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