-रन्हेरा गांव में कम होने की बजाए बढ़ा पानी का जलस्तर

-अधिकारियों के लापरवाही की हद, ग्रामीण परेशान 

 

द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडाः रन्हेरा गांव में प्रशासन, प्राधिकरण, सिंचाई व अन्य विभाग के अधिकारियों के अधिकारियों की लापरवाही की इंतहा हो गई। लापरवाही का आलम यह है 16 दिन बाद भी गांव से पानी नहीं निकाला जा सका है। डीजल के अभाव में एक पंप नहीं चला। ग्रामीणों का कहना है कि कम होने की बजाए गांव में जलस्तर दो से तीन इंच तक बढ़ा है। अधिकारियों ने गांव के अंदर दौरा कर ग्रामीणों की समस्या जानना तक मुनासिब नहीं समझा है। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के प्रति ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

 

पंप के लिए नहीं मिला डीजल 

जहां एक तरफ पानी में फंसे रन्हेरा के सैकड़ों ग्रामीण 16 दिन से परेशनी का सामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। पानी निकालने के लिए तीन पंप लगाए गए हैं। पंप में डीजल डालने का पैसा कौन दे इसको लेकर अधिकारी एक-दूसरे की तरफ झांक रहे हैं। डीजल न मिलने के कारण पिछले कई घंटे से पानी निकालने के लिए लगाया गया एक पंप बंद पड़ा है। 

 

विधायक ने अधिकारियों को बताई समस्या

16 दिन बाद भी पानी की निकासी नहीं होने से नाराज विधायक धीरेंद्र सिंह ने लखनऊ में डेरा डाल दिया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल से मुलाकात कर गांव की समस्या से अवगत कराया। बताया कि पहले से ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं किया गया। इस कारण जल भराव की स्थिति उत्पन्न हुई।मांग की कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। विधायक ने दावा किया अधिक संसाधन लगातर पानी निकालने की व्यवस्था की गई है लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि डीजल न मिलने के कारण एक पंप बंद पड़ा है।

 

पैसों का हुआ बंदरबाट

बरसात से पूर्व नाले व माइनर की सफाई कराई जाती है, इसके लिए प्रतिवर्ष बजट भी जारी होता है। विभागीय अधिकारियों ने मिलने वाले बजट में बंटरबाट किया। नाले व माइनर की सफाई नहीं कराई गई। गांव में पानी भरने के बाद पैसों के बंटरबाट का खेल सामने आ गया है। शासन स्तर से अधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।

 

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