-कर्मचारियों ने उस दौर का भेजा बिल जब नहीं बिछी थी पानी की पाइप लाइन
-जांच में शिकायत मिली सही, गलती को सुधारने में जुटे कर्मचारी

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा किए जाने वाले खेल के कारनामे समय-समय पर प्रकाश में आते रहते हैं। अब जो खेल प्रकाश में आया है वह जानकर आप दातों तले अंगुली दबा लेंगे। कर्मचारियों ने उद्यमियों को उस दौर के पानी का बिल भेज दिया जब पानी की पाइप लाइन बिछी भी नहीं थी। बिना जाने-समझे काफी उद्यमियों ने लाखों रुपये का बिल जमा भी कर दिया। उद्यमी संगठनों के द्वारा की गई शिकायत के बाद हुई जांच में खेल सामने आया है। अब प्राधिकरण उसे सुधारने में जुट गया है।

उद्यमियों से हुई फर्जी बिल की वसूली
जिले में दस हजार से अधिक उद्योग हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर का विकास धीरे-धीरे किया था। शुरू में कई उद्योगिक क्षेत्र में पानी की पाइप लाइन ही नहीं बिछी थी। प्राधिकरण कर्मचारियों ने कुछ वर्ष पूर्व बड़ी संख्‍या में उद्यमियों को उस दौर के पानी बिल भी भेज दिया था जब लाइन ही नहीं थी। काफी उद्यमियों ने लाखों रुपये का बिल जमा भी कर दिया। मामला संज्ञान में आने के बाद उद्यमी संगठनों ने प्राधिकरण में मामले की शिकायत की, जो सही मिली।

प्राधिकरण ने मानी गलती
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ, आशुतोष कुमार द्विवेदी का कहना है कि शिकायत मिलने पर मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के लिए टीम का गठन किया गया था। जांच में 39 औद्योगिक भूखंडों में यह पाया गया कि गलत बिल जारी किए गए थे। अब उन त्रुटियों को ठीक करने का काम किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि जिन लोगों से गलत पैसा लिया गया था कि उनका पैसा आगे के बिल में अर्जेस्‍ट किया जाएगा।