द न्यूज गली, नोएडा: बुधवार को शिक्षण संस्थानों में बालक/बालिकाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु गौतमबुद्धनगर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रबन्धक/प्रधानाचार्यों के साथ सेक्टर 108 पुलिस आयुक्त कार्यालय के ऑडिटोरियम में कार्यशाला का आयोजन किया गया। महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाए जा रहे “मिशन शक्ति” फेस-05 अभियान के तहत पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में यह कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान पुलिस उपायुक्त नोएडा रामबदन सिंह और पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा सुनीति ने विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रबन्धकों, प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

शिक्षण संस्थानों में घटित घटनाओं को ध्यान में रखते हुए हुई कार्यशाला
विगत दिनों शिक्षण संस्थानों में घटित बालक/बालिकाओं से संबंधित घटनाओं को ध्यान में रखते हुए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने नवनिर्मित भारतीय न्याय संहिता में अंकित कानूनों की जानकारी दी और घटनाओं की स्थिति में संस्थानों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षण संस्थानों को सुरक्षा के कड़े मापदंडों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना था।

प्रमुख दिशा-निर्देश और सुरक्षा उपाय
प्रबन्धकों और प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया गया कि वे स्कूल परिसर में सुरक्षा के मापदंडों के अनुसार एक कमेटी बनाएं, जो नियमित रूप से सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा करे। सभी संस्थानों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना और उनकी सतत निगरानी पर जोर दिया गया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि प्रबन्धक और प्रधानाचार्य भी समय-समय पर सुरक्षा टीम के साथ मिलकर सीसीटीवी कैमरों की जांच करें।

निर्देश- नॉन-टीचिंग स्टाफ के साथ बच्चों का संपर्क सीमित रखा जाए
साथ ही यह भी निर्देश दिए गए कि नॉन-टीचिंग स्टाफ के साथ बच्चों का संपर्क सीमित रखा जाए और संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों या बाहरी एजेंसियों की पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित की जाए। इस दौरान स्कूल में होने वाले कार्यक्रमों के लिए लेबर प्रोवाइड करने वाली एजेंसी का सही तरीके से परीक्षण किया जाए।

गुड टच और बैड टच की जानकारी देने पर दिया जोर
बच्चों को गुड टच और बैड टच की जानकारी देने के लिए नियमित रूप से काउंसलिंग की व्यवस्था करने पर भी जोर दिया गया। शिक्षकों को यह निर्देश दिया गया कि बच्चों के व्यवहार में कोई भी परिवर्तन दिखने पर तुरंत उनके परिजनों को सूचित किया जाए और आवश्यक कदम उठाए जाएं। स्कूल बसों और वैन में डैश कैमरों की स्थापना की आवश्यकता भी बताई गई, जिससे बच्चों की सुरक्षा और भी पुख्ता हो सके।

समय पर समस्या का समाधान आवश्यक
किसी भी घटना की स्थिति में विद्यालय प्रशासन को तत्परता से परिजनों से बातचीत कर, पुलिस के साथ मिलकर उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए। बच्चों के साथ कोई भी घटना घटित होने पर इसे तुरंत प्रशासन और पुलिस को सूचित करना अनिवार्य बताया गया। कार्यशाला का समापन करते हुए पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इस तरह के प्रयासों से ही बालकों और बालिकाओं की सुरक्षा को बेहतर बना सकते हैं और शिक्षण संस्थानों को सुरक्षित माहौल प्रदान कर सकते हैं।