- राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन, पर्यावरण डाक्टर अरुण कुमार ने की बैठक
- बैठक में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलन्दशहर के अधिकारी हुए शामिल
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: बढ़ते प्रदूषण पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उत्तर प्रदेश डाक्टर अरुण कुमार ने चिंता जताते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। कहा है कि ग्रैप दो के नियमों का कड़ाई से पालन कराएं। निर्देश दिया कि कमीशन फॉर ऐयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन एनसीआर एंड एडज्वाईनिंग ऐरिया द्वारा निर्गत निर्देशों का पूरा पालन कराएं। कहा कि अधिकारी फील्ड में जाकर निरीक्षण करें, नियम का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने की कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रदूषण की रोकथाम के लिए विभिन्न स्थानों पर पानी का नियमित छिड़काव कराया जाए। बैठक में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलन्दशहर के विभिन्न विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
कंस्ट्रक्शन एवं खनन साइट का नियमित करें निरीक्षण
विभागीय मंत्री ने ग्रैप स्टेज-2 की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा कि सम्बन्धित जिले औद्योगिक क्षेत्र होने तथा अधिक यातायात होने की दृष्टि से पर्यावरण को लेकर अत्यंत संवेदनशील हैं। डस्ट पॉल्यूशन की रोकथाम के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा अभियान संचालित किया जाए ताकि डस्ट उत्सर्जन पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया कि कंस्ट्रक्शन एवं खनन साइट का नियमित निरीक्षण किया जाए। प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कारगर उपाय किए जाएं व जनपद में अभियान चलाकर एनजीटी एवं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाए। जहां पर भी एनजीटी के नियमों का उल्लंघन होता पाया जाए वहां पर जुर्माना लगाते हुए दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा अपने अपने जनपद में पॉल्यूशन पर अंकुश लगाने से संबंधित जागरूकता अभियान संचालित करते हुये व्यापक स्तर पर प्रचार प्रचार सुनिश्चित कराया जाये।
पानी का कराएं छिड़काव
मंत्री ने किा कि जनपदों में सड़कों पर धूल नियंत्रण एवं समुचित पानी के छिड़काव की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। कहा कि एनसीआर में 10 एवं 15 साल पुराने वाहनों के संचालन को रोकने तथा ज्यादा पुराने वाहनों को स्क्रेप कराया जाए। उन्होने पुलिस विभाग को निर्देशित किया कि सामान हेतु प्रयुक्त किये जाने वाले वाहन अनकवर्ड न हो। निर्देश दिये कि वायु प्रदूषण के सम्बन्ध में किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाये ताकि किसान खेतों में पराली न जलाये। उन्होंने किसानों द्वारा खेतों में जलायी जाने वाली पराली से उत्पन्न होने वाले बीमारियों के बारे में भी प्रकाश डाला। उन्होंने अधिकारियों से ग्रैप लागू होने के पश्चात उनके विभाग द्वारा अभी तक की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त की गई। उन्होने कहा कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु कमीशन फॉर ऐयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन एनसीआर एंड एडज्वाईनिंग ऐरिया द्वारा निर्गत निर्देशों का नियमित रूप से अनुपालन किया जाए। शहरी क्षेत्र में आवागमन हेतु ज्यादा से ज्यादा सीएनजी/विद्युत आधारित सार्वजनिक वाहनों का उपयोग सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने सभी कंस्ट्रक्शन एवं डिमोलिशन इकाइयों को अपने-अपने परियोजना स्थल पर एवं उनके आसपास के क्षेत्र में व्यापक रूप से धूल नियंत्रण एवं पानी का समुचित छिड़काव सुनिश्चित करने हेतु एण्टी स्मोग गन, वाटर टैंकर द्वारा लगातार पानी का छिड़काव कराने का निेर्देश दिया।