द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) की एक्वा लाइन, जो वर्ष 2019 से संचालित है, यात्रियों की कमी के कारण घाटे में चल रही है। सालाना, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 15 से 20 करोड़ रुपये का भुगतान एनएमआरसी को घाटे की भरपाई के लिए करना पड़ रहा है। इसके अलावा, इस मेट्रो लाइन के निर्माण के लिए 429 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया, जिसका ब्याज भी प्राधिकरण को चुकाना पड़ रहा है।


ग्रेटर नोएडा वेस्ट को मिली राहत
कैबिनेट ने हाल ही में एक्वा लाइन के विस्तार पर मुहर लगाई है, जिससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों निवासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने की उम्मीद है। लंबे समय से यहां मेट्रो सेवा की मांग उठ रही थी, लेकिन एनएमआरसी ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बजाय सेक्टर 51 से डिपो तक 29 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन पर सहमति दी थी।


संचालन के घाटे का वहन
नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एनएमआरसी के साथ एक करार किया था कि मेट्रो के संचालन में होने वाले घाटे को दोनों प्राधिकरण मिलकर वहन करेंगे। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 19.30 करोड़ रुपये, 2022-23 में 5 करोड़ रुपये और 2023-24 में भी लगभग 5 करोड़ रुपये का भुगतान प्राधिकरण द्वारा किया गया।


भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं
एक्वा लाइन के विस्तार से यात्रियों की संख्या बढ़ने की संभावना है, जिससे घाटे को कम किया जा सकेगा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लाखों लोग मेट्रो सेवा का लाभ उठा सकेंगे। हालांकि, ऋण और संचालन खर्च की चुनौती अभी भी प्राधिकरण के सामने बनी हुई है।


नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो की यह स्थिति शहर के विकास के साथ-साथ बेहतर योजना की आवश्यकता को भी उजागर करती है। आने वाले समय में यात्रियों की संख्या में वृद्धि ही घाटे से उबरने का एकमात्र उपाय है।