-14 अक्टूबर से डीएम कार्यालय पर होगा बड़ा आंदोलन
-गांवों में चल रहा संपर्क का दौर, त्योहारी सीजन में बढ़ी अधिकारियों की धड़कन
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: लंबे समय से चली आ रही मांगों के समर्थन में इस बार कई किसान संगठन एक मंच पर लामबद हो रहे हैं। आंदोलन में एक दर्जन से अधिक किसान संगठन शामिल होंगे। खास बात है कि किसानों ने इस बार अधिकारियों से आश्वासन का लालीपॉप लेने की बजाए ठोस निर्णय जानने का मन बना लिया है। इस बार बड़े स्तर पर होने वाले आंदोलन के लिए गांव-गांव में संपर्क का दौर चल रहा है। आंदोलन में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में किसानों ने अपनी सहमति दे रहे हैं। किसान इस बार प्राधिकरण कार्यालय की बजाए डीएम कार्यालय पर आंदोलन करेंगे। त्योहारी सीजन में किसान संगठनों द्वारा आंदोलन की घोषणा के बाद से विभिन्न विभाग के अधिकारियों के दिल की धड़कन बढ़ गई है। बड़े स्तर पर होने वाले आंदोलन की जानकारी अधिकारियों ने अंदरखाने शाासन तक पहुंचा दी है।
यह है किसानों की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक किसान नेता सुनील फौजी ने बताया कि देश में भूमि अधिग्रहण का नया कानून बन चुका है। सरकार के द्वारा उस कानून का पालन नहीं किया जा रहा है। हमारी मांग है कि नए कानून से पहले और बाद में जिन गांवों के किसानो की जमीन का अधिग्रहण किया गया उन्हें कानून के तहत लाभ दिया जाए। उनका कहना है कि इस वर्ष फरवरी में हुए आंदोलन के बाद राजस्व परिषद के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी में मेरठ मंडल कमिश्नर व डीएम गौतमबुद्ध नगर भी शामिल थे। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 30 अगस्त को शासन को सौंप दी है, लेकिन अभी तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। हमारी मांग रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की भी है।
यह संगठन और गांव होंगे शामिल
आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए गांव-गांव में पहुंचकर किसानों से संपर्क किया जा रहा है। साथ ही किसान संगठनों को भी जोड़ा जा रहा है। सुनील फौजी ने बताया कि आंदोलन में जय जवान जय किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन कृषक, भाकियू अजगर, अंबावता, किसान संगठन एच्छर सहित अन्य संगठन शामिल होंगे। आंदोलन में चकसेनपुर, कैमराला, मढ़ैया, भोगपुर, बील अकबरपुर, दतावली, चिटहेरा, पल्ला, दुजाना, कचैड़ा, दुरयाई सहित अन्य गांव के किसान शामिल होंगे।