द न्यूज़ गली, नई दिल्ली: केंद्र सरकार आयुर्वेद को ‘अंतिम उपाय’ की छवि से बाहर निकालकर उसे बीमारियों के इलाज की पहली पसंद बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसी कड़ी में इस वर्ष 23 सितंबर से मनाया जा रहा आयुर्वेद दिवस एक नए स्वरूप और दृष्टिकोण के साथ सामने आ रहा है। 10वें आयुर्वेद दिवस की थीम “आयुर्वेद फॉर पीपल, आयुर्वेद फॉर प्लैनेट” रखी गई है, जिसका मुख्य आयोजन गोवा की राजधानी पणजी में होगा।
आयुष मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष आयुर्वेद दिवस सिर्फ एक प्रतीकात्मक आयोजन नहीं, बल्कि एक व्यापक अभियान है, जिसमें परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैज्ञानिक आधार देने और उसे आधुनिक उपचार के साथ जोड़ने पर विशेष जोर रहेगा। इसका उद्देश्य आयुर्वेद को जनसामान्य की रोज़मर्रा की चिकित्सा प्रणाली में स्थापित करना है।
वैज्ञानिक प्रमाणों से मिल रहा भरोसा
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली का हिस्सा बनाने के लिए सीएसआईआर (CSIR) और डीआरडीओ (DRDO) जैसी वैज्ञानिक संस्थाएं जड़ी-बूटियों पर आधारित औषधीय फार्मूलों की गहन वैज्ञानिक जांच कर रही हैं। विशेष रूप से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी रोग जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों में हर्बल उपचार के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।
बीजीआर-34: परंपरा और विज्ञान का संगम
आयुर्वेदिक औषधि बीजीआर-34, जिसे सीएसआईआर ने छह विशिष्ट जड़ी-बूटियों के संयोजन से विकसित किया है, आज डायबिटीज नियंत्रण और डायबिटीज रिवर्सल के क्षेत्र में उम्मीद की किरण बन चुकी है। यह दवा दर्शाती है कि जब प्राचीन परंपरा को आधुनिक अनुसंधान के साथ जोड़ा जाए, तो प्रभावी समाधान संभव है।
एमिल फार्मास्युटिकल्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. संचित शर्मा का कहना है, “आयुर्वेद दिवस सिर्फ परंपरा का उत्सव नहीं है, यह विज्ञान और नवाचार का महोत्सव है। बीजीआर-34 जैसे नवाचार दर्शाते हैं कि आयुर्वेद सिर्फ अतीत नहीं, बल्कि भविष्य की चिकित्सा पद्धति भी है।”
विश्व स्तर पर बढ़ी आयुर्वेद की स्वीकार्यता
पिछले कुछ वर्षों में विश्वभर में हर्बल और प्राकृतिक उपचार के प्रति रुझान तेजी से बढ़ा है। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के निदान में केमिकल आधारित दवाओं के दुष्प्रभावों से बचने के लिए अब लोग आयुर्वेद की ओर लौट रहे हैं। भारत सरकार का उद्देश्य है कि आयुर्वेद को न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा परिदृश्य में भी अग्रणी भूमिका दिलाई जाए।
