द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : दनकौर क्षेत्र के अच्छेजा बुजुर्ग गांव में बिजली निगम की लापरवाही के चलते सात वर्षीय मासूम तैमूर की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई। घर की छत पर खेलते समय वह 11 हजार वोल्ट की हाई वोल्टेज लाइन की चपेट में आ गया, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया। करीब एक महीने से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा है। संक्रमण बढ़ने के कारण डॉक्टरों को उसके दोनों हाथ काटने पड़े।
तैमूर छत पर खेल रहा था
पीड़ित परिवार का आरोप है कि यह हादसा बिजली विभाग की घोर लापरवाही का नतीजा है। तैमूर के पिता, गांव निवासी अधिवक्ता नौशाद का कहना है कि घटना से पहले उन्होंने कई बार बिजली निगम के अधिकारियों को उस खतरनाक लाइन को हटाने के लिए शिकायत दी थी, लेकिन हर बार उनकी बात को अनसुना कर दिया गया। उन्होंने बताया कि हादसे वाले दिन, 22 मई को तैमूर छत पर खेल रहा था और तभी वह बिजली की चपेट में आ गया।
फैल गया संक्रमण
परिवार वालों ने तैमूर को तुरंत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद संक्रमण इतना फैल गया कि उसके दोनों हाथ काटने पड़े। यह पहली बार नहीं है जब क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही जानलेवा साबित हुई हो। कुछ दिन पहले ही रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र के अनवरगढ़ गांव में टूटे बिजली के तारों की चपेट में आकर 40 वर्षीय अनीस की मौत हो गई थी।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिजली निगम के अधिकारी आम जनता की शिकायतों पर ध्यान नहीं देते और किसी भी कार्य के एवज में अवैध रूप से रुपये मांगते हैं। लोगों ने प्रशासन से इस मामले में त्वरित कार्रवाई और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी सजा की मांग की है।
पीड़ित परिवार की मांगें
-तैमूर के इलाज और पुनर्वास के लिए उचित मुआवजा।
-दोषी बिजली अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई।
-रिहायशी इलाकों से हाई वोल्टेज लाइनों को हटाने की योजना।
-भ्रष्टाचार की जांच और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उपाय।
