द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गुरूवार को उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (UPERC) और एनपीसीएल के स्पष्ट आदेशों के बावजूद, अजनारा होम्स (सेक्टर 16B, ग्रेटर नोएडा वेस्ट) में बिल्डर और मेंटेनेंस एजेंसी द्वारा एओए अध्यक्ष चंदन सिन्हा के घर की बिजली काट दी गई। यह कार्रवाई तब हुई जब सिन्हा शहर से बाहर थे और घर में केवल महिलाएं मौजूद थी।
आदेश क्या कहते है?
सामान्य रखरखाव शुल्क या अन्य गैर-विद्युत संबंधित बकायों के लिए बिजली काटना गैरकानूनी है। केवल उन मामलों में आपूर्ति रोकी जा सकती है, जहां बिजली के शुल्क को अलग से दिखाया गया हो और उसे चुकाया न गया हो। इन नियमों के बावजूद, बिल्डर ने प्रीपेड मीटर के रिचार्ज के बाद भी सिन्हा के आवास की बिजली काट दी।
घटना का विवरण
मिली जानकारी के मुताबिक सिन्हा ने सुबह 6 बजे अपने प्रीपेड मीटर को रिचार्ज कराया और मेंटेनेंस एजेंसी को इसकी सूचना दी। इसके बावजूद उनकी बिजली आपूर्ति रोक दी गई। आरोप है कि यह कार्रवाई जानबूझकर की गई, क्योंकि सिन्हा बिल्डर के खिलाफ हाई कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे है।
बिल्डर पर गंभीर आरोप
• बिल्डर द्वारा यूपीईआरसी और एनपीसीएल के आदेशों की अनदेखी की जा रही है।
• निवासियों को पिछले महीने का बिल और ऑडिट रिपोर्ट अब तक नहीं सौंपी गई।
• नोब्रोकरहुड ऐप से पुरानी शिकायतें हटाई जा रही है और चार्ज ब्रेकअप भी छिपा दिया गया है।
• अव्यवस्थित तरीके से अमाउंट काटने की घटनाएं आम हो चुकी है।
• एनपीसीएल, प्राधिकरण और पुलिस को निवासियों द्वारा बार-बार शिकायतें की गई है।
• बिल्डर के खिलाफ पहले से ही अग्निशमन विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया हुआ है।
निवासियों का संघर्ष
सामने आया है कि यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी निवासियों को बिजली काटने और धमकाने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। निवासियों का कहना है कि बिल्डर समाज में अव्यवस्था पैदा कर रहा है और नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहा है।
अधिकारियों से की अपील
अजनारा होम्स के निवासी यूपीईआरसी और एनपीसीएल से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे है। निवासियों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे