द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: पुरानी कहावत है कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं, वह जिस भी कार्य को करते है सच्चे मन और उमंग से करते हैं। जहां एक तरफ व्यस्क व्यक्ति किसी भी कार्य को लेकर शर्म महसूस करता है तो दूसरी तरफ बच्चे प्रत्येक कार्य पूरी निष्ठा से करते हैं। मौसम के अनियमित होने के कारण विश्व अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है। बेसमय वर्षा, गर्मी, सर्दी से जहाँ एक और किसानों को समस्या से जूझना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर ना ना प्रकार के रोग भी जन्म लेते जा रहे हैं। कोरोना काल के समय पेड़ों की कमी के चलते लोगो को ऑक्सीजन के लिए मशीनों का सहारा लेना पड़ा। हम अपने बच्चो को टीवी, मोबाइल, लैपटॉप, कार आदि चलाने का ज्ञान तो देते है परंतु आज समय आवश्यकता है कि जल संरक्षण, सिंगल यूज़ प्लास्टिक का त्याग और पेड़ो का रोपण और संवर्धन का ज्ञान भी आवश्यक रूप से दिया जाए। विश्व में प्रति व्यक्ति पेड़ो का ओसत 422 पेड़ है परंतु भारत में यह आंकड़ा मात्र प्रति व्यक्ति 28 पेड़ का ही है ।
पर्यावरण के प्रति करें जागरूक
पर्यावरण चिंतक राजीव शर्मा एवं प्रदीप डाहलिया ने कहा कि बच्चे किसी भी कार्य को बड़े उत्साह से करते हैं इसलिए उन्होंने सभी स्कूल संचालकों से आग्रह किया की अपने यहां पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए ठोस पहल करें और पर्यावरण संरक्षण के प्रति कार्यशाला आयोजित कराएं। जो एनजीओ पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं उनकी सहयता बिना संकोच लें। अपने स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम रखवाए, जल संरक्षण, प्राकृतिक ऊर्जा संसाधन, पेड़ो का सामरिक व आध्यात्मिक महत्व, सिंगल यूज प्लास्टिक, बीजारोपण से पोधारोपण आदि के विषय में जानकारी दें। ताकि पर्यावरण को प्रभावी ढंग से संरक्षित और स्वच्छ बनाया जा सके।
