-रोजगार की गारंटी देने वाली योजना का नाम बदलना नाकामी छिपाने जैसा
-मनरेगा का नाम बदलने का फैसला वापस लेने की मांग

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ तीखी नारेबाजी करते हुए कहा कि मनरेगा गरीबों का हक है, जिसे छीनने और उसका नाम बदलकर संघ की विचारधारा थोपने की साजिश रची जा रही है। सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी महात्‍मा गांधी के नाम और उनके विचारों पर हमला किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। कार्यकर्ताओं ने मनरेगा का नाम बदलने का फैसला वापस लेने की मांग की।

इतिहास को तोड़ने का प्रयास
इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक भाटी चोटीवाला ने कहा सरकार महात्मा गांधी के नाम से डरती है, इसलिए योजनाओं के नाम बदलकर इतिहास को तोड़-मरोड़ना चाहती है। मनरेगा करोड़ों गरीब मजदूरों के लिए जीवनरेखा है। इसका नाम बदलना केवल एक शब्द परिवर्तन नहीं, बल्कि गरीबों के अधिकारों पर सीधा हमला और संविधान विरोधी मानसिकता का प्रमाण है। कहा कि सरकार पहले रोजगार खत्म करती है, फिर रोजगार की गारंटी देने वाली योजना का नाम बदलकर अपनी नाकामी छिपाने का प्रयास कर रही है। यह लड़ाई सिर्फ नाम की नहीं, संविधान, लोकतंत्र और गांधीवादी मूल्यों को बचाने की लड़ाई है। इस अवसर पर मुकेश शर्मा, गौतम अवाना, रिज़वान चौधरी, सूबेदार सतपाल सिंह, महाराज सिंह नागर, अशोक पंडित, सतीश शर्मा, धर्मवीर सिंह, मोहम्मद तकी, शिव चौटाला, पुनीत मावी, अरविन्द रेक्सवाल, गुलाब सिंह, तनवीर अहमद, हबीब मास्टर सहित अन्‍य लोग मौजूद थे।