द न्यूज गली, नोएडा : एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने तीन ऐसे अपराधियों को धर दबोचा है जो कि साइबर ठगी के लिए भारतीय नागरिकों के बैंक खाते किराए पर उपलब्ध कराते थे। साइबर अपराधियों द्वारा संगठित गैंग बनाकर भारतीय नागरिकों को फर्जी रूप से डिजीटल अरेस्ट करके उनके साथ धोखाधडी करते एवं गेमिंग, टेªडिंग ऐप के माध्यम से धोखाधडी कर धन अर्जित करते थे। आरोपियों का विदेशी कनेक्शन भी सामने आया है। एसटीएफ उसकी जांच कर रही है।

इनकी हुई गिरफ्तारी
-मोहन सिंह उर्फ रोकी पुत्र धीरज सिंह निवासी ग्राम रायपुर थाना टप्पल जनपद अलीगढ।
-संयम जैन पुत्र अजय जैन निवासी म0नं0 19/368 आर्य नगर गाॅधी रोड बडौत जनपद बागपत।
-अरमान पुत्र षब्बीर निवासी ग्राम घरबरा थाना टप्पल जनपद अलीगढ।

यह हुआ बरामद
3 मोबाइल फोन, 3 कूटरचित आधार कार्ड, 5 अदद बैंक की चेकबुक, 2 चेक, 1 पासबुक बैंक की, 6 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 1 अदद सिम कार्ड

कई दिनों से मिल रही थी शिकायत
कई दिनों से एसटीएफ उत्तर प्रदेश को साईबर अपराधियों द्वारा भारतीय नागरिकों को फर्जी रूप से डिजीटल अरेस्ट करके उनके साथ धोखाधडी करने एवं गेमिंग व टेªडिग एप के माध्यम से धोखाधडी करके धन अर्जित करने वालों के सम्बन्ध में शिकायत मिल रही थी। टीम को बुधवार को मुखबिर के माध्यम से पता चला कि धोखाधडी करने के उद्देश्य से भारतीय नागरिकों के बैक खाते उपलब्ध कराने वाले गिरोह के 3 सदस्य सेक्टर- 45 नोएडा गौतमबुद्धनगर क्षेत्र के एक होटल में आने वाले हैं। सूचना पर सैक्टर- 45 नोएडा गौतमबुद्धनगर क्षेत्र के एक होटल से तीनों आरोपियों को धर दबोचा गया।

12वीं पास है शातिर
पकड़ा गया आरोपी मोहन सिंह उर्फ रोकी ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र 33 साल है और वह कक्षा 12 पास है। वर्ष 2021 में दिल्ली, एनसीआर क्षेत्र में वह टैक्सी चलाने का काम करता था और उसी दौरान उसकी जान पहचान जनपद गोरखपुर के रहने वाले राजन नामक व्यक्ति से हुयी थी। जो विभिन्न तरीके से साईबर फ्राॅड के पैसोें को ट्रान्सफर के लिए डंप एकाउन्ट उपलब्ध कराता था। मोहन सिंह उर्फ राॅकी ने राजन के साथ मिलकर यह काम करना शुरू कर दिया था। मोहन सिंह उर्फ राॅकी ने राजन के माध्यम से ही करीब ढाई माह पहले कानपुर निवासी रोहन अग्रवाल एवं हर्शवर्धन गुप्ता से सम्पर्क किया और फिर इन लोगों के साथ मिलकर बडे़ पैमाने पर साईबर फ्राॅड का एक संगठित गिरोह चलाने लगे।

कई करोड़़ की कर चुके है ठगी
आरोपियों ने कई अलग-अलग लोगों से करोड़ों की ठगी की है। शामली में धोखाधडी करके 51 लाख रूपये ठग लिये। इसके अलावा रोहिणी दिल्ली की एक महिला को डिजिटल अरेस्ट करके 15 लाख रूपये तथा वृहद मुम्बई सेन्ट्रल रीजन की एक महिला को अरेस्ट करके 25 लाख रूपया धोखाधडी करके ठगे गये। जिनकी शिकायत साईबर क्राईम पोर्टल पर दर्ज है।

हवाला के माध्यम से बांटी जाती है रकम
पूछताछ में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि धोखाधडी की यह रकम क्रिप्टो में परिवर्तित करके हवाला के माध्यम से बांटी जाती थी। आरोपियों से की गयी संयुक्त पूछताछ में 39 बैक एकाउन्ट प्रकाश में आये हैं जिनका प्रयोग इस संगठित गिरोह के द्वारा किया जा रहा था इन एकाउन्टस के सम्बन्ध में गहन छानबीन की जा रही है।

कर्नाटक, आंध्र प्रदेश सहित पूरे देश में है नेटवर्क
अब तक की जानकारी के अनुसार कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, आन्ध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेष्रा, वेस्ट बंगाल आदि के कई लोगों को इन्होंने विभिन्न तरीको से साईबर फ्राॅड करके करोडों रूपयों की ठगी की है। पूछताछ एवं जानकारी करने से यह ज्ञात हुआ है कि विभिन्न पीडितों द्वारा (जो इस गैंग के द्वारा ठगी के शिकार हुए हैं) विभिन्न राज्योें में षिकायते दर्ज करायी गयी हैं।