द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी में उद्योग प्रायोजित पांच दिवसीय कार्यशाला डीकोडिंग ट्रांसक्रिप्टोमिक्स एनजीएस टूल्स और तकनीकों पर व्यापक हैंड्स-ऑन कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला सेंटाइल बायोटेक कॉर्पोरेशन, कंप्यूटजीनोमिक्स, ज़ेनोमिक्स बायोलैब और सॉलरेस लैब के सहयोग से आयोजित की गई। कार्यशाला में ट्रांसक्रिप्टोमिक्स और नेक्स्ट-जनरेशन सीक्वेंसिंग तकनीकों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रतिभागियों को ट्रांसक्रिप्टोम डेटा अधिग्रहण, असेम्बली, डिफरेंशियल जीन एक्सप्रेशन एनालिसिस और वेरिएंट कॉलिंग जैसी उन्नत तकनीकों से परिचित कराया गया।
कार्यशाला की मुख्य विशेषता
डाक्टर विक्रांत नैन ने बायोटेक्नोलॉजी में डिजिटल इनोवेशन और कम्प्यूटेशनल टूल्स के एकीकरण पर जोर दिया। स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के डीन प्रोफेसर एनपी मेलकानिया ने शिक्षा और उद्योग के सहयोग को मजबूत करने में अनुसंधान की भूमिका पर प्रकाश डाला। कपिल रवि (संस्थापक, कंप्यूटजीनोमिक्स) ने CARE फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया, जो AI और जीनोमिक्स को जोड़ता है। अक्षय दिनेश (सेंटाइल बायोटेक) ने NGS-आधारित अध्ययनों में प्रयुक्त प्रमुख तकनीकों पर चर्चा की। डाक्टर हुमैरा सोनाह (रामलिंगास्वामी फेलो) ने विशाल जीनोम अनुक्रमण परियोजनाओं और उनके कृषि एवं औषधीय उपयोग पर जानकारी दी। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डाक्टर विश्वास त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि Genome India Project के तहत 10,000 से अधिक जातीय समूहों के जीनोम अनुक्रमण से व्यक्तिगत चिकित्सा उपचार और आनुवंशिक आहार चयन में क्रांतिकारी परिवर्तन आने की उम्मीद है।